Wednesday, June 01, 2011

दरियादिली बनी मौत

मनोज राठौर
मनीष शुक्ला हत्याकांड

जबलपुर निवासी आरएन शुक्ला रिटायर्ट जज हैं। उनका एकलौता बेटा मनीष शुक्ला (38) था। वर्ष 2009 में पारिवारिक अनबन के चलते मनीष की पत्नी ने उस पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया और इंदौर में अपने बेटे के साथ रहने लगी। इधर, पिता पहले ही बेटे मनीष को बेघर कर चुके थे। पिता और पत्नी से रिश्ता टूटने के बाद मनीष भोपाल स्थित निखिल होम्स मिसरोद में रहने लगा और मिसरोद रोड की एसएस टेलीकॉम कंपनी में टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियर के पद पर काम करने लगा। उसकी अच्छा-खास वेतन था। गत 21 जुलाई 2010 की रात करीब 12 बजे नशे में धुत होकर मनीष आॅटो से इब्राहिमपुरा की चटोरी गली स्थिति एहसान की होटल पर खाना खाने के लिए पहुंचा। वहां जेब में पैसे नहीं होने के कारण आॅटो चालक उस पर पैसों के लिए दबाव बनाते हुए चिल्लाचोट कर रहा था। जब आॅटो चालक की आवाज होटल के वेटर अबरार ने सुनी, तो वह तुरंत आया और उसने पेंट की जेब से 100 रुपए निकाल चालक को दिए और उसे रवाना कर दिया। दरअसल, अबरार मनीष को कई महीनों से जानता था। मनीष के पास पैसों की कमी नहीं थी। वह खाना खाने के बाद अबरार को मोटी टिप देता। इसके चलते उसने आॅटो वाले को पैसे देकर मनीष को होटल में बैठाया और उसे चाउमिन खिलाई। इतना ही नहीं उसने उसे घर छोड़ने का आश्वासन भी दिया। मगर, अबरार के शैतानी दिमाग में कुछ अलग ही चल रहा था। उसकी नजर मनीष की सोने की चेन, अंगुठी, पर्स और मोबाइल फोन पर थी। वह रात करीब दो बजे मनीष को होटल से उसके घर छोड़ने के लिए ले जाने लगा, लेकिन कोई साधन नहीं मिला। इस पर उसने अपने खास साथी आमिर से उसकी बाइक मांगी। हालांकि, आमिर कहने लगा कि मैं भी साथ चलता हूं। ताकी शुक्ला अंकल कहीं गिर न जाए। इसके बाद दोनों बाइक से मनीष को लेकर जहांगीराबाद स्थित जिंसी, शब्बन चौराहा, पुलिस कंट्रोल रूम, रोशनपुरा, टीटी नगर, भदभदा, नेहरू नगर होते हुए कोलार की ओर ले जाने लगे। इस दौरान चूना भट्टी पेट्रोल पंप के पास अबरार ने मनीष से उसका मोबाइल फोन छीनने का प्रयास किया। इसका विरोध किया गया, तो उसका मोबाइल फोन वहीं सड़क किनारे गिर गया। इसके बाद अबरार और आमिर जबरन मनीष को गाड़ी पर बैठाकर कोलार के जंगल में ले गए। नशे में धुत होने के कारण मनीष की उनके आगे एक नहीं चली। कोलार के घने जंगलों में बनी पानी की टंकी के पास अबरार ने चाकू से मनीष का गला रेत कर दी। इस घटना में उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद दोनों आरोपी मनीष की सोने की चेन, अंगुठी, घड़ी व पर्स लेकर भाग निकले। वहां से लौटते समय आरोपी अबरार ने एमएसीटी के नाले में चाकू और पर्स फेंक दिया और वापस अपने ठिकाने चटोरी वाली गली चले गए।


शराब पीने लगा था मनीष परिजन से रिश्ता टूटने के बाद मनीष रोजाना शराब पीने लगा। वह अक्कसर एमपी नगर स्थित महंगी होटलों में शराब पीता और देर रात होने के बाद इब्राहिमपुरा स्थित चटोरी वाली गली में एहसान की होटल पर खाना खाने के लिए जाता। वहां उसकी दोस्ती अबरार नामक वेटर से हो गई। वह होटल में दो से तीन घंटे तक रूकता था। मनीष गली में अपनी दरियादिली के कारण चर्चित था। दरअसल, मनीष रोजाना गली में मौजूद भिखारी और अवारा कुत्तों को होटल का खाना खिलाता था। कई बार वह भिखारियों को पैसे भी बांटता था। उसकी इस दरियादिली से गली के अधिकांश दुकानदार उससे खासे प्रभावित थे। जब भी वह गली में आता था, तो भिखारी उसके पीछे लग जाते। इतना ही नहीं कुत्ते भी उसके आगे-पीछे दूम हिलाकर घूमने लगते। जब भी मनीष खाना खाकर जाता था, तो अबरार को मोटी टिप देता था। मगर, अबरार की नजर मनीष की सोने की चेन, अंगुठी और पर्स पर थी। उसने उसे लूटने की योजना भी बनाई थी, क्योंकि उसे पता था कि मनीष भोपाल में अकेला रहता है और उसके पास हमेशा हजारों रुपए रहते हैं। उसकी यही दरियादिली उसकी मौत का कारण बनी।


घटना वाले दिन आॅटो से आया वैसे मनीष अपनी कार से होटल आता था, लेकिन घटना वाले दिन वह आॅटो से वहां पहुंचा। कार खराब होने के कारण वह दो-चार दिन से आॅटो से होटल जा रहा था। इसका फायदा अबरार ने उठाया और उसे घर छोड़ने के बहाने कोलार स्थित घने जंगल में ले गया।


इनकी भूमिका अहम मनीष की हत्या कोलार थाने की सीमा से लगे सीहोर स्थित बिलकिसंगज के जंगल में हुई थी। इसके चलते बिलकिसगंज पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन महीनेभर बाद भी सीहोर पुलिस हत्यारों का सुराग नहीं लगा पाई, तो भोपाल आईजी डॉ. शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई। इस टीम की कमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एके पांडे को सौंपी गई। इस मामले की गुत्थी सुलझाने में टीम के मुखिया श्री पांडे समेत क्राइम ब्रांच टीआई उमेश तिवारी, एएसआई मेरसिंह चौधरी, प्रधान आरक्षक चिरौंजीलाल, आरक्षक अंजनी पांडे, मुन्नालाल, सुरेंद्र सिंह, विश्वप्रताप भदौरिया, यशवंत घुंघराले, मोनिका, अपराध शाखा भोपाल व एसडीओपी सीहोर एसके वर्मा, एसआई एनके पंचोली, टीआई बिलकिसगंज सीहोर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


अबरार पहले से जेल में बंद मनीष हत्याकांड की गुत्थी सुलझने के बाद पुलिस ने आरोपी आमिर अली पुत्र आबिद निवासी बुधवारा को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस ने सायकल, पहने हुए कपड़े, मोबाइल फोन और महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए। इधर, मुख्य आरोपी अबरार 31 अक्टूबर 2010 को हबीबगंज इलाके में अपने साथी के हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहा था। हालांकि, आमिर के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस ने उसे भी न्यायालय से रिमांड पर लिया और उसे बाकी का माल बरामद किया।

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