Thursday, June 02, 2011

बेइज्जती का बदला 'हत्या'

''छात्रों को ताना मारना और सबके सामने बार-बार उनकी बेइज्जती करना रिटायर्ड सेंट्रल एक्साइज असिस्टेंट कमिश्नर बीएन सक्सेना की मौत की वजह बनी। तीन छात्रों ने नशे की हालत में श्री सक्सेना की नृशंस हत्या कर दी।''
मनोज राठौर
सेंट्रल एक्साइज के रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर हत्याकांड
शाहपुरा केबी सेक्टर स्थित मकान नंबर 155 निवासी बीएन सक्सेना (84) सेंट्रल एक्साइज में असिस्टेंट कमिश्नर के पद से सेवानिवृत्त थे। उनकी पत्नी का कई सालों पहले देहांत हो गया। उनका बड़ा बेटा संजीव एनजीओ संचालक है, जो अवधुपुरी में रहता है तथा छोटा बेटा राजीव एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत है, जो गीताजंलि में रहता है। उनकी बेटी कीर्ति हैदराबाद, चारू कोटा, साक्षी व श्रृति भोपाल में अपने-अपने परिवार के साथ रहती है। वह शाहपुरा स्थित अपने घर में बिल्कुल अकेले थे। इसके चलते उन्होंने सालभर पहले ही तीन मंजिला मकान का ऊपरी हिस्सा कुछ छात्रों को किराए पर दे दिया और खुद ग्राउंड फ्लोर में रहने लगे। उनके किराएदार के नाम रीवा निवासी इंजीनियरिंग छात्र गौरव पांडे, त्रियंबक द्विवेदी उर्फ टीडी है। इन छात्रों से मिलने के लिए अक्कसर उनका साथी शाहपुरा निवासी रजनीश कमरे पर आता था। आए दिन तीनों छात्र कमरे पर बैठकर शराब पीते थे।
गत 16 जनवरी 2011 की रात 9.30 बजे श्री सक्सेना कमरे में पलंग पर बैठकर टीवी देख रहे थे, तभी उनके पास नशे की हालत में वर्तमान किराएदार गौरव, पूर्व किराएदार त्रियंबक और रजनीश पहुंचे। यहां टीवी के तेज आवाज के बीच तीनों छात्रों ने मिलकर उन्हें पलंग से उठाकर सोफा की कुर्सियों के बीच पटक दिया। इसके बाद गौरव व रजनीश ने उनके हाथ-पैर पकड़ लिए तथा त्रियंबक ने कमरे में रखी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। हमले में श्री सक्सेना के सिर में गंभीर चोट आई थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद तीनों आरोपी अलमारी से नकदी समेत सोने-चांदी के जेवर लेकर भाग निकले।
कमरे से भगाया सक्सेना के घर में त्रियंबक भी किराए से रहता था, लेकिन घटना से चार महीने पहले उसने धोखाधड़ी कर उनका एटीएम कार्ड चोरी कर लिया और उसकी सहायता से 21 हजार रुपए निकाल लिए। इसकी भनक जब श्री सक्सेना को लगी, तो उन्होंने त्रियंबक से कमरा खाली करवा लिया और उसे बेइज्जत कर घर से निकाल दिया। इसके बाद त्रियंबक कमला नगर इलाके में एक किराए के मकान में रहने लगा। हालांकि, उसने श्री सक्सेना से वादा किया था कि वह थोड़े-थोड़े कर उनके पैसे लौटा देगा। इस बीच उसने उन्हें पांच हजार रुपए भी दो किस्तों में दिए थे। जब उसने बाकी के पैसे नहीं दिए, तो श्री सक्सेना ने उसे धमकी दी कि वह उसके खिलाफ शाहपुरा थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराएगें। गौरव ने खोल लिया टिफिन सेंटर जब गौरव के कई विषयों में पेपर बैक हो गए थे, तो उसने आगे की पढ़ाई छोड़ दी और टिफिन सेंटर खोल लिया। वह श्री सक्सेना के किराए के मकान से टिफिन सेंटर चलाता था। इधर, उसने परिजन से यह बात छुपाकर रखी और उनसे हर महीने पढ़ाई के नाम पर पैसे मंगवाता था। वह परिजनों को पैसों को शराब और अय्याशी में खर्च करता था।
यह मौत की वजह गौरव ने पुलिस बताया कि अक्कसर श्री सक्सेना दोस्तों के सामने ताना मारते थे कि यदि तुम लोग गौरव के संपर्क में रहोगे, तो जिंदगी पर टिफिन सेंटर चलाना पड़ेगा। भलाई इसी में है कि इसका साथ छोड़कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो और अच्छी नौकरी पाकर मां-बाप का नाम रोशन करो। यह बात गौरव के दिमाग में बैठ गई और उसने दोस्तों के सामने हुई बेइज्जती का बदला लेने की ठान ली। उधर, त्रियंबक के साथ भी कुछ ऐसा हुआ था। श्री सक्सेना ने उसे भी बेइज्जत कर घर से निकाला और उससे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात भी कही। जब भी गौरव और त्रियंबक एक साथ होकर पार्टी करते, तो श्री सक्सेना उनपर ताने कसते थे। इसके चलते ही उन्होंने साथी रजनीश के साथ मिलकर श्री सक्सेना को मौत के घाट उतार दिया।
रामबाबू है चश्मदीद गवाह श्री सक्सेना की हत्या का चश्मदीद गवा उनका नौकर रामबाबू है। हूआं यू कि घटना वाले दिन रामबाबू घर पर ही मौजूद था। उसने पुलिस को बताया कि घटना वाले दिन गौरव, त्रियंबक व रजनीश ने मिलकर जमकर शराब पी। इसके बाद वे एक-एक कर मालिक श्री सक्सेना के घर में चले गए। इस दौरान रामबाबू भी उनके पीछे चला गया। वह दरवाजे के पास खड़ा होकर टीवी देख रहा था। इस दौरान तीनों छात्रों ने श्री सक्सेना की कुल्हाड़ी से नृशंस हत्या कर दी। यह वह दृश्य चुपचाप होकर देख रहा था। रामबाबू घटना के बाद दो दिनों तक डरा-सहमा था। उसने घटना की सच्चाई के बारे में किसी को नहीं बताया। पुलिस ने उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की, तो उसने पूरा घटना के बारे में बता दिया।
परीक्षा में नहीं पहुंचा आरोपी त्रियंबक राजधानी के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में थर्ड इयर का छात्र है। पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी थी कि गत 20 जनवरी को होने वाली फायनल परीक्षा में त्रियंबक जरूर शामिल होने के लिए आएगा। इस पर पुलिस की एक टीम परीक्षा केंद्र पहुंची और घेराबंदी की, लेकिन आरोपी पेपर देने के लिए आया ही नहीं।
संपन्न घर से तालुक है आरोपियों का आरोपी गौरव के पिता रीवा में प्रोफेसर हैं, जबकि त्रियंबक के पिता पेशे से डॉक्टर हैं। वहीं रजनीश भी संपन्न घर से बताया जा रहा है। गौरव ने वर्ष 2009 से पढ़ाई छोड़ दी थी।
यह हैं पुलिस के हीरो घटना की सूचना मिलने के बाद तत्काल एसपी योगेश चौधरी, एएसपी राजेश चंदेल, सीएसपी राजेश सिंह भदौरिया, थाना प्रभारी प्रभारी शाहपुरा समेत एफएसल, डॉग स्कवॉड, फिंगर प्रिंट व फोटो टीम मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण कर किराएदारों अन्य स्थानीय रहवासियों प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुडेÞ 45 लोागें से पूछताछ की। इस सघन पूछताछ के बाद ही मामले का खुलासा हो पाया।
फरार आरोपी पर 15 हजार का ईनाम
आईजी डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव ने एक फरवरी को फरार आरोपी रजनीश और त्रियंबक पर 15-15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। वहीं श्री सक्सेना के बेटे राजीव ने आईजी को बताया कि पिता की हत्या के बाद आरोपियों ने 30 तोला सोना भी लूटा है। इस बिंदू पर पुलिस की टीम जांच कर रही है।

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