मनोज राठौर
"मेने जिंदगी की सबसे बड़ी गलती की। नहीं पकड़ाता तो, न जाने कितनी मासूमों की जिंदगी बरबाद करता। मेरी गलती की सजा मृत्युदंड है। मैं शराब पीकर दरिंदा और पापी बन जाता हूं। मुझे बीच बाजार में फांसी पर लटका दो, जिससे आगे से कोई भी नशे की हालत में हैवान बनकर मासूम को अपनी हवस का शिकार नहीं बनाए।"
(पूछताछ में पुलिस को आरोपी वृंदावन ने बताया)
3 जून 2010 को दोपहर 2.30 बजे राजधानी के बीच स्थित करोंद कृषि उपज मंडी में व्यापारी, हम्माल और मजदूर दल अपना-अपना काम कर रहे थे। आसमा भी खुले मुंह से धूप बरसा रहा था। वहीं मंडी गेट के बगल वाले अनाज शेड के पास मजदूर परिवारों के पांच बच्चे खेल रहे थे। इस दौरान वहां नशे में धुत विदिशा, ग्राम नावकुंड निवासी वृंदावन पुत्र कोमल आदीवासी (22) पहुंचा। उसने पहले चार बच्चों को डरा धमका कर भगा दिया और 8 साल की मोनिका (परिवर्तित नाम) को दबोच लिया। वह उससे अश्लील हरकत करने लगा। इस पर उसने आरोपी का विरोध भी किया, लेकिन नशे की हालत में हैवान बन चुके वृंदावन उसे पकड़कर खंडर पड़े बाथरूम में ले गया। वहां उसने मासूम के साथ बलात्कार किया था। इसके बाद वह आनन-फानन में मंडी से भाग निकला। मासूम के साथ हुए बलात्कार की सूचना तत्काल मंडी सचिव आरपी चक्रवर्ती ने निशातपुरा थाना प्रभारी जीएल अहरवाल को दी। मौके पर पहुंचे अहरवाल और एसआई अशोक मरावी ने घटना स्थल का मुआयना कर अज्ञात आरोपी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया था।
कुछ ऐसी है कहानी: ग्राम नावकुंड निवासी कोमल के दो बेटे रामदयाल (18) और वृंदावन (22) हैं। छोटा बेटा रामदयाल गांव में पिता के साथ मेहनत मजूदरी करता है। वहीं वृंदावन गांव में आवारा-गर्दी करता था। गत 8 मार्च को वह गांव की सात वर्षीय सोनम (परिवर्तित नाम) को बहला फुसलाकर अपने साथ जंगल में ले गया। वहां उसने मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया। सोनम वृंदावन को जानती थी, इसलिए उसने डर के कारण उसका गला दबाकर हत्या कर दी और लाश को एक नाले में फेंक दिया। अगले दिन कुरवाई थाना पुलिस ने सोनम के शव को बरामद कर अज्ञात के खिलाफ बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया था। इस घटना के बाद वृंदावन परिजनों को यह बताकर घर से निकल गया कि वह भोपाल जाकर पैसे कमाएगा। वह भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क के रैन बेसेर में रहने लगा था। वह मजूदरी कर रोजाना 150 रुपए कमाता और उनमें से आधे पैसों की शराब पी जाता था। वृंदावन ने 3 जून की सुबह बैरागढ़ में गाड़ी से र्इंट उतारने का काम किया था। इसके बाद उसने जमकर शराब पी और करोंद मंडी में घुस गया। वहां बच्चों के बीच 8 वर्षीय मोनिका को खेलता देख उसका मन विचलित हो गया और उसने मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया।
ऐसे पकड़ाया आरोपी : मंडी में हुई घटना के बाद पुलिस ने पीड़ित की निशानदेही पर आरोपी का स्केच तैयार कराया। उक्त स्केज को मंडी समेत शहरभर में चस्पा कर दिया गया था। वहीं 15 जुलाई को वृंदावन नशे की हालत में दोबारा करोंद मंडी में आया। उसे संदिग्ध हालत में मंडी परिसर में घूमता देख, किसी ने उसकी सूचना पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक पूछताछ में वह आनाकानी करने लगा, लेकिन थाना प्रभारी ने लोहे का पाइप दिखाया, तो वह तोते की तरह बोलने लगा। उसने अपने गांव में मासूम के साथ बलात्कार, हत्या और करोंद मंडी में मासूम से भी बलात्कार करना कबूला था।
टूट चुकी है शादी: वर्ष 2009 में कोमल ने अपने बड़े बेटे वृंदावन की शादी रीना नाम की लड़की से तय की थी। हालांकि, वृंदावन के चालचलन ठीक नहीं होने के कारण रीना के परिजनों ने रिश्ता तोड़ दिया। इसके बाद उसने गांव में आवारा-गर्दी शुरू कर दी थी।
हैवान हो जाता: वृंदावन ने कबूल किया है कि वह शराब पीने के बाद हैवान बन जाता था। नशे की हालत में उसके शरीर में बासना प्रवेश करती है। उसने नावकुंड और मंडी की घटना वाले दिन भी जमकर शराब पी थी।
" वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश और थाना स्टाफ की मदद से आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली है। आरोपी पहले भी एक मासूम हो अपनी हवस का शिकार बना चुका है। जुर्म कबूल करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है।"
जीएल अहरवाल, थाना प्रभारी निशातपुरा
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