युवक ने मां-बहन की हत्या(शाहपुरा)
मनोज राठौर
शाहपुरा स्थित लक्ष्मी परिसर निवासी किरण धाकड़ (40) एनएचडीसी में क्लर्क थी। उनके पति चंद्र प्रकाश की सालों पहले मौत हो गई थी। इसके बाद वह लक्ष्मी परिसर में एकलौते बेटे हर्ष (19) और बेटी वर्षा (22) के साथ रहती थी। हर्ष ने इसी साल 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जबकि वर्षा एमबीए की पढ़ाई पूरी कर एनएचडीसी में ट्रेनिंग कर रही थी। गत 30 मई 2011 की रात करीब 12 बजे किरण और उनकी बेटी वर्षा अपने कमरे में गहरी नींद में सो रही थी। इस दौरान हर्ष ने चोरी-छुपे घर में प्रवेश किया और पलंग पर सो रही बहन पर लोहे के पाइप से हमला कर दिया। इस पर किरण ने हर्ष का हाथ पकड़ लिया और उसे रूकने की कोशिश की, लेकिन उसके सिर पर खून सवार था। सो, उसने मां को भी नहीं बख्शा और उनके सिर पर पाइप दे मारा। मौके पर ही मां-बेटी की मौत हो गई। कूलर की आवाज होने के कारण पड़ोसियों ने मां-बहन की आवाज तक नहीं सुनी। वारदात को अंजाम देन के बाद हर्ष घर के मेन गेट पर ताला लगाकर भाग निकला।
इसलिए की हत्या-हर्ष का उसके स्कूल में पढ़ने वाली एक युवती से लंबे समय से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। जब सुबह उसकी मां व बहन अपने-अपने काम पर निकल जाती थी, तो इस बीच हर्ष अपनी प्रेमिका को घर लेकर आता था। एक दिन उसकी मां-बेटी ने घर पर उसे प्रेमिका के साथ पकड़ लिया। इस पर उन्होंने प्रेमिका की पिटाई भी लगाई थी और उसे बेइज्जत कर भगा दिया। इसके बाद मां-बेटी हर्ष से नफरत करने लगी और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने लगी। यह बात हर्ष को नगवार गुजरी और उसने प्रेमिका की पिटाई का बदला लेने के लिए मां-बहन की हत्या की साजिश रची।
दोस्त ने दिया साथ-हर्ष की प्लानिंग की जानकारी उसके दोस्त राजन को पता थी। घटना वाले दिन वह कॉलोनी में राजन के साथ घंटों घूमता रहा। मां-बहन के सो जाने के बाद राजन घर के बाहर चौकीदारी करने लगा और हर्ष ने कमरे में जाकर मां-बहन की नृशंस हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह राजन के साथ बाइक से एमपी नगर स्थित एक होटल में गया। वहां उसने खून में लतपत कपड़े व हत्या में प्रयोग किए गए लोहे के पाइप को ठिकाने लगाया और नए कपड़े पहन लिए। इतना ही नहीं उसने होटल में दोस्त के साथ शराब पी थी।
प्रेमिका की नहीं सुनी-घटना से कुछ दिनों पहले ही हर्ष की प्रेमिका ने उसे समझाया था कि यदि मां किसी बात को लेकर डांटती है, तो उसका बुरा नहीं मानना चाहिए। वह बच्चों की भलाई ही चाहती है। इतना ही नहीं दोनों ने भागकर शादी करने की योजना भी बनाई थी, लेकिन इससे पहले ही हर्ष ने मां-बहन की हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी अपने साथी राजन अग्रवाल के साथ एमपी नगर जोन टू स्थित एक होटल के रूम नंबर 302 में रूक गया। इसके बाद सुबह उसने घर पहुंचकर पुलिस को बाड़ी बरेली स्थित छींद मंदिर जाने की झूठी कहानी सुनाई।
किया बेटे का सामना: हर्ष ने जैसे ही बहन पर लोहे के पाइप से हमला किया, तो उसकी मां ने उसे रोकने का प्रयास किया। लेकिन बेटे की ताकत के आगे उनकी एक नहीं चली। बहन की जान लेने के बाद हर्ष पाइप लेकर मां की तरफ बढ़ा, तो उन्होंने कुछ समय तक बेटे से संघर्षबेटा का कुछ समय तक सामना भी किया। हालांकि, कुछ देर बाद ही हर्ष ने मां की बेरहमी से हत्या कर दी।
फिर शुरू हुई नोटंकी: हर्ष मंगलवार सुबह करीब साढ़े दस बजे घर पहुंचा और मां-बहन की हत्या की सूचना पड़ोसियों को दी। इधर, पड़ोसियों की सूचना पर मौके पर एसपी योगेश चौधरी, एएसपी राजेश चंदेल व सीएसपी राजेश भदौरिया पहुंचे। उन्होंने मां-बेटी के शवों को पीएम के लिए हमीदिया अस्पताल भिजवा दिया। इस दौरान हर्ष नोटंकी करते हुए रो रहा था और उसके कॉलोनी के साथी उसे ढांढस बांधते नजर आए।
पुलिस को किया गुमराह: शुरूवाती पूछताछ में हर्ष पुलिस को गुमराह किया। उसने पुलिस को बताया कि वह सोमवार रात एक दोस्त के साथ छींद मंदिर गया था। पुलिस ने उसके साथी से पूछताछ की, तो उसने छींद जाने से मना कर दिया। इस पर दोनों से अलग-अलग सख्ती से पूछताछ की गई, तो हर्ष ने मां-बहन की हत्या करना स्वीकार कर ली
Tuesday, June 28, 2011
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