मनोज राठौर
17 मई 2011 की रात दो बजे एमपी नगर स्थित राजीव नगर की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ था। सिर्फ अकरम कुरैशी पुत्र मुन्ने (38) के घर में कुछ बच्चों की रोने की आवाज आ रही थी। यह आवाज भी थोड़ी देर तक सुनाई थी, इसके बाद मानों चारों तरफ खामोशी का दौर शुरू हो गया। अगली सुबह करीब साढ़े नौ बजे अकरम कुरैशी के घर पर एमपी नगर पुलिस और आसपड़ोस वालों की भीड़ लगी हुई थी। वहीं अकरम के बच्चे भी घर के एक कोने में खड़े होकर रो रहे थे। दरअसल, अकरम की पत्नी फिरोजा बी (36) की किसी ने लोहे के सब्बल से नृशंस हत्या कर दी है। पुलिस ने बच्चों से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि रात के समय उनके पति का मां से शक हुआ था। उन्होंने ने अपने भाई के साथ मिलकर मां की हत्या कर दी। इधर, पुलिस को मौके पर अकरम भी नहीं मिला। इस पर पुलिस का शक गहरा गया।
इसलिए की हत्या: राजीव नगर निवासी अकरम कुरैशी कबाड़ा खरीदने-बेचने का काम करता है। वह अपनी पत्नी फिरोजा बी (36), बेटा सलमान (10), अमन (8), नाजमा (12) और एक सात माह के बेटे के साथ रहता है। 17 मई की रात पारिवारिक बातों को लेकर अकरम का झगड़ा पत्नी से हो गया। विवाद बढ़ने पर अकरम और उसके सौतेले भाई भूरा ने फिरोजा के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान भूरा ने फिरोजा का मुंह दबा लिया और अकरम ने उसके सिर पर सब्बल से हमला कर दिया। इससे भी भूरा का जी नहीं भराया, तो उसने जमीन पर बेहोश पड़ी फिरोजा के सिर को पत्थर से कुचल दिया। मौके पर ही फिरोजा ने दम तोड़ दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद भूरा और अकरम भाग निकला। पुलिस ने आरोपी भूरा व अकरम पर हत्या का मामला दर्ज कर वारदात में प्रयोग लोहे का सब्बल व पत्थर भी बरामद कर लिया है।
..तो बच जाती जान: जिस समय अकरम भूरा के साथ मिलकर अपनी पत्नी से मारपीट कर रहा था, उस समय उसकी बेटी नाजमा और बेटा भाई सलमान की नींद खुल गई। उन्होंने मां को बचाने के लिए पड़ोसियों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। यदि समय रहते कोई पड़ोसी उनकी मदद कर देता, तो शायद फिरोजा की जान बच सकती थी।
अकरम ने बनाई हत्या की योजना: अकरम ने पुलिस को बताया कि उसने ही पत्नी की हत्या की योजाना बनाई थी। इसके तहत उसने घटना से एक दिन पहले सिरोंज निवासी अपने सौतेले भाई भूरा को घर बुला लिया। इसके बाद उसने योजनाबद्ध तरीके से पत्नी की हत्या कर दी।
झगड़े से परेशान था अकरम: पुलिस पूछताछ में अकरम ने बताया कि उसकी पत्नी उससे रोजाना पैसों की मांग करती थी। इसको लेकर उसका आए दिन पत्नी से झगड़ा होता था। इसी रोजाना के झगड़े से परेशान होकर उसने पत्नी की हत्या की योजना बनाई।
ऐसे पकड़ाए आरोपी: वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी अकरम आरोपी इधर-उधर भागता रहा है। लेकिन उसे पता था कि आखिर पुलिस से वह अब तक भागकर लाएगा। इसके चलते उसने भागने का अपना प्लान चैंज किया और घटना के अगले दिन सुबह ही एमपी नगर थाने पहुंच गया और पत्नी की हत्या की जानकारी पुलिस को दी। इधर, घटना स्थल पर पहुंची पुलिस की कार्रवाई अकरम ने थाने पहुंचकर आसान कर दी थी। हालांकि, अभी भी अकरम का सौतेला भाई भूरा फरार है।
कब-कब हुआ रिश्तों का कत्ल (2011)
25 फरवरी: छोला मंदिर इलाके में एक कलयुगी बेटे ने अनुकंपा पाने की गरज से अपने साथी के साथ मिलकर पिता की नृशंस हत्या कर दी।
5 मार्च: क्रिकेट मैच में हुए विवाद को लेकर श्रीराम कॉलोनी, मिसरोद में बाप-बेटों ने अपने दो रिश्तेदारों की हत्या कर दी।
19 मार्च: मिसरोद क्षेत्र में शराब पीने का विरोध करने पर पति ने अपनी पत्नी की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी।
28 मार्च: हबीबगंज इलाके में शराब पीने के लिए पैसों की मांग से नाराज एक युवक ने अपने जीजा को डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी।
19 अप्रैल: छोला मंदिर, कल्याण नगर निवासी सरोज ने अपने प्रेमी विशाल के साथ पति रामप्रवेश साहू की गला घोंटकर हत्या कर दी।
13 अप्रैल: दमोह में रहने वाले देवी प्रसाद ने पारिवारिक विवाद के चलते पिपलानी स्थित एक निर्माणाधीन भवन से पत्नी चंदाबाई को नीचे फेंक दिया।
02 मई: बागसेवनिया इलाके में स्कूली छात्र हर्ष ने अपनी मां किरण व बहन वर्षा की लोहे के पाइप से नृशंस हत्या कर दी।
14 मई: एमपी नगर स्थित राजीव नगर झुग्गीबस्ती में एक युवक ने अपने सौतेले भाई के साथ मिलकर लोहे के सब्बल से पत्नी की हत्या कर दी।
25 मई: ईश्वर नगर निवासी विजय यादव ने पत्नी प्रेमलता के आए दिन के झगड़े से तंग आकर उसकी पत्थर से नृशंस हत्या कर दी।
14 जून: भेलकर्मी मनोज कोरी ने पत्थर से पत्नी सविता और सरिता की हत्या कर दी थी।
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