मनोज राठौर
भोपाल के तलैया थाने में गत 14 मार्च 2011 की रात पुलिसकर्मी अपना-अपना काम निपटाने में व्यस्थ थे। इस दौरान सिपाही हरिशंकर मिश्रा को सूचना मिली कि दो संदिग्ध युवक शाहजहांनी पार्क के पास केवड़ा बाग रोड पर अंधेरे में खड़े हैं। इतना ही नहीं मुखबिर ने उन्हें यह भी बताया कि उक्त युवक लूटपाट करने के इरादे से खड़े हुए हैं। इस पर बिना समय गवाए श्री मिश्रा ने संदिग्ध युवकों की जानकारी अपने टीआई अभय चौधरी को दी। टीआई साहब ने भी समझदारी का परिचय देते हुए सीएसपी मनु व्यास को घटना से अवगत कराया। इस पर श्री व्यास ने टीआई के नेतृत्व में एक टीम गठित की और तुरंत मौके पर पहुंचकर संदिग्ध युवकों को हिरासत में लेने के लिए कहा। टीआई के नेतृत्व में मौके पर पहुंचे एएसआई डीएस दुबे, हवलदार कलीमउद्दीन, साबिर खान, ओमप्रकाश, लखन लाल, सिपाही एहसान खान, मोहन लाल, सुदीप व राजकुमार ने केवड़ा बाग रोड के चारों तरफ से घेराबंदी कर बाइक सहित दोनों युवकों को दबोच लिया। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों युवकों ने पुलिस को गुमराह किया, लेकिन बाद में पुलिस अधिकारियों द्वारा सख्ती बरतने पर आरोपियों ने तलैया इलाके में एक व्यापारी के साथ लूटपाट करना स्वीकार किया। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे केवड़ा रोड पर लूटपाट करने के इरादे से खड़े थे, लेकिन कोई शिकार नहीं मिलने के कारण उन्हें वहां अधिक समय बीताना पड़ा। उन्होंने लूटपाट के पीछे जो कारण बताया, उसे सुनकर टीआई और सीएसपी भी थोडेÞ समय के लिए दंग रह गए। आरोपियों ने बताया कि वे कर्जदार हैं और इस कर्जे को चुकाने के लिए उन्होंने लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनाई थी। आरोपी की पहचान निशातपुरा इलाके के शिवनगर कॉलोनी निवासी टिंकू उर्फ श्याम नामदेव पुत्र स्व. रामगोपाल (23) और छोला मंदिर थाना क्षेत्र स्थित हनुमान मंदिर के पास रहने वाले करन महावर पुत्र अशोक (25) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों को व्यापारी से लूट करने के मामले में सेंट्रल जेल भी भेज दिया है।
पहली लूट व्यापारी के साथ: हवा महल रोड निवासी प्रहलाद दास अग्रवाल (60) की आजाद मार्केट में अग्रवाल नाम से कपड़ों की दुकान है। उनके पड़ोस में उनके रिश्तेदार मुकेश की कपड़ों की दुकान भी है। वह एक मार्च की रात करीब साढ़े 11 बजे दुकान बंद कर मुकेश की बाइक पर सवार होकर घर पहुंचे। मुकेश ने जैसे ही श्री अग्रवाल को घर के सामने उतारा, वैसे ही बाइक सवार नकाबपोश टिंकू और उसके साथी करन ने उनसे नोटों से भरा बैग छीन लिया। बैग में करीब 29 हजार रुपए से ज्यादा की राशि थी। इस दौरान मुकेश ने अपनी बाइक से आरोपियों का पीछा रॉयल मार्केट, शाहजहांनाबाद, मिलेट्री गेट और टीला जमालपुरा तक किया था, लेकिन आरोपी बाइक लेकर टीला जमालपुरा स्थित इंद्रा नगर की तंग गलियों में भाग निकले। पुलिस पूछताछ में टिंकू ने यह खुलासा किया है कि पांच साल पहले वह व्यापारी श्री अग्रवाल के दुकान पर सेल्समेन का काम करता था। मगर, किसी कारणवश श्री अग्रवाल ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। सालभर नौकरी करने के चलते उसे श्री अग्रवाल हर एक पल की खबर थी। इसके चलते ही उसनेकरन के साथ व्यापारी का दुकान से पीछा किया और उनके घर के पास उनसे बैग छीनकर भाग निकले।
बाइक पर कीचड़ लगाकर लूट: टिंकू ने पिछले साल ही नई पल्सर खरीदी थी। उसने पहली लूट करने के दौरान पल्सर की नंबर प्लेट पर कीचड़ लगाई थी, जिससे कोई गाड़ी का नंबर नहीं पढ़ सके। दूसरी बार भी पुलिस को नंबर प्लेट पर कीचड़ लगी मिली। पुलिस ने बताया कि आरोपी टिंकू व करन पर निशातपुरा और तलैया थाने में आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इसलिए बन गए लुटेरे: सीएसपी मनू व्यास ने बताया कि टिंकू और करन शराब पीने व जुआ खेलने के आदी थे। इसी लत के चलते वे अनाफ-सनाफ रुपए खर्च करते थे। हालांकि, सालभर पहले टिंकू ने निशातपुरा स्थित एक शराब की दुकान में अहाता का ठेका एक लाख 20 हजार रुपए में लिया था, लेकिन शराब व अय्याशी की लत के कारण उन्होंने इस धंधे से एक रुपए भी नहीं जोड़ा और उलटा एक लाख 80 हजार रुपए का घटा हो गया। करन हम्माली करने के साथ दोस्त टिंकू के काम में हाथ बंटाता था। टिंकू के साथ वह भी कर्जे की मार छेल रहा था। पैसों की तंगी और कर्जदारों का बोझ टिंकू और करन पर भारी पड़ रहा था। अपने कर्जे को चुकाने के लिए टिंकू ने करन के साथ मिलकर लूटपाट करने की योजना बनाई। मगर, वे पहली की लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद तलैया पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
Tuesday, June 07, 2011
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