मनोज राठौर
हबीबगंज सीएसपी राजेश सिंह भदौरिया 28 मार्च 2011 की शाम करीब साढ़े पांच बजे इलाके में भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान उन्हें मोबाइल फोन पर सूचना मिली कि हबीबगंज इलाके बिटटन हार्ट बाजार में एक व्यक्ति की नृशंस हत्या कर दी गई है। इस पर वह तत्काल हबीबगंज थाना टीआई सुरेश दामले सहित पुलिस स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। वहां एफएसएल की टीम भी पहुंच चुकी थी। एफएसएल टीम फिंगर सहित अन्य सबूत कलेक्ट कर रही थी, तभी श्री दामले ने सीएसपी को बताया कि व्यक्ति की हत्या उसके ही सगे साले ने की है। इसके तत्काल बाद ही पुलिस की एक टीम ने फरार हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया। मृतक की शिनाख्त जिंसी निवासी अब्दुल रहीम उर्फ चुन्नू (40) के रूप में हुई। वहीं उसकी हत्या करने वाला उसका ही सगा साला अहमद कॉलोनी निवासी मोहम्मद शमीम पुत्र मोहम्मद वसीर (38) था।
यह है हत्या की वजह अहमद कॉलोनी में रहने वाला मोहम्मद शमीम फल व्यापारी है। वह बिट्टन हाट बाजार में फुटकर फल बेचता था। पूछताछ के दौरान उसने जो कुछ भी सीएसपी और टीआई को बताया, वह चौंकाने वाला था। शमीम ने अधिकारियों को बताया कि जीजा रहीम अक्कसर शराब पीने के लिए उससे तथा उसके परिजनों से पैसे मांगता था। कई बार तो उसे पैसे दिए गए, लेकिन उसकी आदत बिगड़ती जा रही थी। अब रहीम पैसे मांगने के लिए साले की बिट्टन हाट बाजार स्थित फल की दुकान पर जाने लगा। एक-दो बार उसे पैसे भी मिल गए, लेकिन शमीम ने इस कहानी का अंत 28 मार्च की शाम साढ़े पांच बजे कर दिया। उक्त समय पर रहीम साले की दुकान पर पहुंचा और शराब पीने के लिए पैसों की मांग करने लगा। इस पर शमीम ने जीजा को बताया कि अभी-अभी उसने दुकान खोली है और दुकान पर एक भी ग्राहक नहीं आया है। ऐसी स्थिति में पैसे कहां से दूंगा। इसके बाद भी शमीम नहीं मना और पैसों की बात को लेकर अड़ गया। शमीम तीन मर्तबा जीजा को समझाते हुए मिनी बस स्टाप तक छोड़कर आया, लेकिन वह वापस उसकी दुकान पर आ गए। इसको लेकर दोनों के बीच गाली-गलौच भी हुई। मगर, विवाद बढ़ने पर शमीन ने रहीम के सिर पर डंडे से हमला कर दिया। हमले में घायल रहीम बेहोश होकर जमीन पर गिर गया। उसे स्थानीय लोगों की सहायता से एक निजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आर्थिक तंगी से जुझ रहा था शमीम जिंसी निवासी अब्दुल रहीम उर्फ चुन्नू (40) प्राइवेट काम करता था। उसके दो बेटे हैं। रहीम की पत्नी की दो साल पहले टीवी की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उसने पत्नी के इलाज में काफी पैसा भी खर्च किया, लेकिन डॉक्टर उसे नहीं बचा सके। पत्नी की मौत के बाद रहीम गुमसुम और अकेला रहने लगा। इस दौरान उसने शराब पीना शुरू कर दी थी। नशे की लत के चलते वह आर्थिक रूप से कमजोर हो गया और एक-एक रुपए को तरसने लगा। इसके बावजूद उसने शराब नहीं छोड़ी। वह अक्कसर अपनी ससुराल चला जाता और ससुर सहित अन्य सदस्यों से शराब पीने के लिए पैसे ले लेता। जब ससुराल पक्ष ने उसे पैसे देना बंद कर दिए, तो वह बिटटन हाट बाजार स्थित अपने साले शमीम की फल की दुकान पर जाने लगा। शमीम ने जीजा को कुछ दिन तक पैसे भी दिए, लेकिन वह जीजा की रोजाना की पैसे मांगने की आदत से परेशान आया गया था।
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