Sunday, September 19, 2010

घर की छत, तो देखो...

मनोज राठौर
अयोध्या मामले को लेकर हर बार हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोगों में तनाव की स्थिति बन जाती है। यह विवाद क्यों पैदा होता है। समझ में सबको आता है, लेकिन कोई समझना नहीं चाहता। अयोध्या में मंदिर और मस्जिद बनाने को लेकर न खत्म होने वाला संघर्ष जारी है। कहते हैं कि घर की छत से पानी चुगता है और लोग मंदिर-मस्जिद बनाने के लिए खून बहाने को तैयार हैं। यह विवाद छोड़कर लोग अपने घरों की छत सुधार ले और वहीं पर एक मंदिर या फिर मस्जिद बनाए और जीवनभर पूजा व नमाज पड़े। मगर, ऐसा करने में सबको परहेज है, सभी अयोध्या में मंदिर और मस्जिद बनाना के सपने देख रहे हैं। आज देश की स्थिति से सभी लोग वाकिफ हैं। कहीं भूखमरी, तो कहीं पानी की कमी से जनता मर रही है। कहीं नक्सलवाद, तो कहीं आतंकवाद देश को कच्चा खाए जा रहा है। लेकिन लोगों को इसकी परवाह कहां है? वे सिर्फ खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजर-बसर कर खून के तालाब में डूबकी लगाना चाहते हैं। इस बहाने राजनीति दल अपना उल्लू सीधा कर लेगें, लेकिन जनता क्या होगा? मरने वाले को एक लाख और घायल को 50 हजार रुपए का मुहावजा मिलने के बाद मामला शांत जरूर हो जाएगा और जनता फिर पुराने ढर्रे पर चलने लगेगी। मगर, क्या यह विवाद खत्म हो पाएगा। दिलों से नफरत निकालकर यदि लोग चाहे, तो रास्ता निकाल सकते हैं। यह रास्ता भाई-चारे के साथ लोगों में एक नई ऊर्जा प्रदान करेगा। मरने-मारने की नौवत क्यों आए? समझदार के लिए इशारा काफी है। इसके बाबजूद लोग आंखो पर पटी बांधकर अंगारों को फूल समझकर उस पर चले जा रहे हैं। कभी न कभी कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। उसे क्या पता कि कौन मुस्लिम है और कौन हिंदू।
अपनी सोच बदलदे प्यारे
राह वही जो सबकों भाए
समझ-बूझकर कदम उठाना
नहीं, तो....
यह पूरा घटनाक्रम
24 सितम्बर 2010 मालिकाना हक पर फैसला दिया जाएगा।2010- रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई पूरी।2009- संसद के दोनों सदनों में लिब्रहान आयोग की रपट पेश। अटल बिहारी वाजपेयी और मीडिया को दोषी ठहराया। 2009-उत्तरप्रदेश सरकार ने एक हलफÞनामे में स्वीकार किया कि अयोध्या विवाद से जुड़ी 23 महत्वपूर्ण फाइलें सचिवालय से गायब हो गई हैं।2009- प्रधानमंत्री को 17 वर्षों के बाद लिब्रहान आयोग ने जांच रिपोर्ट सौंपी। आयोग बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की जांच के लिए बनाया गया था।2005-लालकृष्ण आडवाणी 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में रायबरेली की अदालत में पेश हुए।अदालत ने आडवाणी पर आरोप तय किए।2004-आडवाणी ने अयोध्या में अस्थायी राममंदिर में पूजा की और कहा कि मंदिर का निर्माण जÞरूर किया जाएगा।2003-इलाहाबाद हाइकोर्ट के निर्देश पर पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने विवादित स्थल की खुदाई की और कहा कि मंदिर से मिलते अवशेष मिले हैं।2003-केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से विवादित स्थल पर पूजापाठ की अनुमति देने का अनुरोध किया जिसे ठुकरा दिया गया।2003- विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर की हकीकत पता लगाने के लिए रेडियो तरंगों का प्रयोग किया गया। पर निष्कर्ष नहीं निकला।2002-सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर अपना निर्णय देते हुए कहाकि यथास्थिति बरकÞरार रखी जाएगी। शिलापूजन नहीं होगी।2002- प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए अयोध्या समिति का गठन की। 2001-राम मंदिर निर्माण जरूर बनाएंगे। विश्व हिंदू परिषद ने इस संकल्प को एक बार फिर दोहराया।1998-प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई।1992-6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया। सांप्रदायिक दंगे हुए, जिसमें 2000 से अधिक लोग मारे गए।1989- विश्व हिंदू परिषद ने विवादित स्थल के नजÞदीक राम मंदिर की नींव रखी।1986- बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति का गठन। फैजाबाद सेशन कोर्ट ने विवादित मस्जिद के दरवाजÞे पर से ताला खोलने का आदेश दिया। 1984- विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में एक समिति का गठन। जिसका मुख्य उद्देश्य राम जन्मभूमि को मुक्त करना था। 1949- दोनों पक्षों ने अदालत में मुकदमा दायर किया। सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर दिया और ताला लगा दिया।1859- इस विवाद को सुलझाने के लिए तत्कालीन शासक ने विवादित जगह को चारों तरफ से घेर दिया। अब मुसलमान विवादित परिसर के भीतर इबादत और हिन्दू बाहर प्रार्थना करने लगे।1853- यह वह वर्ष था जब अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद का मुद्दा बना। और पहली बार इस स्थल के पास सांप्रदायिक दंगे हुए।1528- हिन्दूओं के आराध्य देवता भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मस्जिद बनवाई गई। इसे मुगÞल सम्राट बाबर ने बनवाया था।