मनोज राठौर
20 दिसंबर, 2010 को तलैया, दुर्गाचौक निवासी राकेश अपनी फल की दुकान बंद कर घर की ओर पैदल जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने बेटा महेश (14) को कमला नगर निवासी मुनव्वर पुत्र अजीज अहमद (30) के साथ आॅटो में जाते हुए देखा, तो उन्हें रोक लिया। (पिता-पुत्र के काल्पनिक नाम) पिता को देखकर महेश घबराने लगा और आॅटो की सीट के नीचे छीपने लगा।
यह देख पिता ने उससे परेशानी के बारे में पूछा, लेकिन उसने पिता को कुछ नहीं बताया। उसने दबी जुवान से कहा कि वह मुनव्वर के साथ घूमने गया था। हालांकि, राकेश को शक हुआ और वे बेटे को अपने साथ घर ले गए। घर पहुंचकर महेश ने माता-पिता के साथ खाना जरूर खाया, लेकिन उसके चेहरे की रंगत उड़ी हुई थी। जब पिता ने उससे परेशानी जाननी चाहिए, तो उसने हर बार बात को टाल दिया। मगर, 28 दिसंबर को महेश के सब्र का बांध टूट गया और उसने पिता राकेश को बताया कि गत 20 दिसंबर की रात आठ बजे मुनव्वर ने नशे की हालत में उसके साथ गलत काम किया है। उसने मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी, इसके चलते ही वह इतने दिनों तक चुप रहा। इसके बाद राकेश अपने बेटे को लेकर तलैया थाने पहुंचे, जहां उन्होंने बेटे के साथ हुए कुकृर्त्य की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपी मुनव्वर को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया है।
क्या हुआ था उस रात राकेश का एकलौता बेटा महेश है। वह परिवार के साथ तलैया, दुर्गा चौक स्थित एक किराए के मकान में रहते हैं। महेश पिता के काम में हाथ बंटाता है। वहीं तलैया इलाके में कमला नगर निवासी मुनव्वर अहमद सावारी के सिलसिल में आॅटो लेकर आता-जाता रहता था। इस दौरान उसकी दोस्ती महेश से हो गई। इसके बाद वह अक्कसर उसे अपने साथ आॅटो पर ले जाने लगा। बेटे के मुनव्वर के साथ घूमने की बात से राकेश को कोई एतराज नहीं था। गत 20 दिसंबर की रात आठ बजे मुनव्वर आॅटो से महेश को अपने साथ घूमाने के बहाने गिनौरी स्थित एक सरकारी स्कूल के पीछे ले गया, जहां नशे की हालत में उसने आओ-देखा न ताओ और महेश को जमीन पर पटक दिया। इससे पहले की वह कुछ समझ पाता, मुनव्वर ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और जान से मारने की धमकी दी। डर-सहमे महेश ने चुप्पी सादने में अपनी समझदारी समझी। इसके बाद उसने महेश के कपड़े उतारे और उसके साथ गलत काम किया। इस दौरान रोते-रोते महेश ने कई बार उसका विरोध किया, लेकिन वह हैवान के चंगुल से बचकर नहीं निकल पाया। जब मुनव्वर के शरीर से वासना का शैतान निकल गया, तो वह महेश को लेकर तलैया की ओर जाने लगा, जहां उसके पिता ने आॅटो को रोक लिया और महेश को लेकर घर चले गए।
नशे का आदी मुनव्वर मुनव्वर नशे का आदी था। सालभर पहले उसकी पत्नी का इंतकाल हो गया और वह अपने दो बच्चों के साथ कमला नगर में रहने लगा। हालांकि, धीरे-धीरे उसे अपनी पत्नी की कमी खलने लगी। साथ ही उसे नशे की लत भी लग गई। वह आॅटो चलाने के दौरान नशीले इंजेक्शन, दवा समेत शराब, गांजे का नशा करता था। करीब छह महीने पहले उसकी मुलाकात महेश से हो गई और वह उसे आॅटो सिखाने के बहारे अपने साथ ले जाता था। महेश दिखने में खुबसुरत और चंचल था, सो मुनव्वर ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाने की योजना बनाई।
बदनामी के डर से नहीं आए सामने महेश अकेला मुनव्वर के जाल में नहीं फंसा है। इससे पहले आरोपी कई बच्चों को अपनी हवस का शिकार बना चुका है। वह खुद तो नशा करता था और संपर्क में आने वाले बच्चों को नशीले दवाईयां देता था। इसके बाद वह नशे की हालत में बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाता था। अपनी बदनामी के डर से कई बच्चें पुलिस के सामने नहीं आए, लेकिन महेश के पिता तक बात पहुंचने के बाद मुनव्वर के दंरिदेपन का खुलासा हो गया।
मामला दबाने की कोशिश तलैया पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने पर स्थानीय लोगों ने थाने में हंगामा भी किया। दूसरी ओर घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर मीडिया पहुंची, तो पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की। इस दौरान एएसआई सुरेश सिंह ने टीआई अभय चौधरी के कहने पर पीड़ित महेश को थाने के लॉकप में बंद कर दिया, जबकि आरोपी मुनव्वर थाने के बाहर बैठा हुआ था। पुलिस के अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मीडिया के जरिए बात पुलिस के मुखिया एसके राउत तक पहुंची गई।
श्री राउत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच के निर्देश जिला पुलिस के अधिकारी को सौंप दी। पुराने शहर एसपी अभय सिंह ने मामले की जांच में पाया कि एएसआई सिंह ने फरियादी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया है। इसके चलते उसे श्री सिंह ने लाइन अटैच कर दिया।
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