आॅनर किलिंग का मामला
मनोज राठौर
20 अगस्त 2010 की दोपहर डेढ़ बजे बैरसिया एसडीओपी महावीर मुजालदे अपने आॅफिस में बैठकर जरूरी काम निपटा रहे थे। इस बीच सेमरा गांव निवासी राकेश दांगी और दीपक दांगी पहुंचे। दीपक ने मुजालदे को बताया कि 19 अगस्त को उसकी बहन घर से रहस्मय ढंग से लापता हो गई। उसने संदेह जताया था कि बहन का अपहरण करने में बैरसिया निवासी निक्की उर्फ मिथलेस गौर और उसके साथी बिट्ट् बैरागी का हाथ है। वहीं राकेश लापता युवती का मामा है। इसके बाद पुलिस ने गुमइंसान कायम कर लिया और सिपाही राकेश और एक अन्य सिपाही को युवती को तलाश करने के लिए दीपक और राकेश दांगी के साथ भेज दिया। अभी यह मामला सुलझा भी नहीं था कि थोड़ी देर बाद मुजालदे के कैबन में निक्की के पिता गया प्रसाद पहुंच गए। उन्होंने बताया कि सुबह सात बजे सेमरा गांव निवासी मनमोहन दांगी ने निक्की को फोन कर बैरसिया के पार्क में मिलने के लिए बुलाया था। इसके बाद उनका बेटा घर नहीं लौटा और उसका मोबाइल फोन भी बंद है। गया प्रसाद ने मुजालदे को यह भी बताया कि भोपाल से उनका बड़ा बेटा सुनील और उसके मौसी का लड़का संतोष बहन को लेकर बैरसिया आ रहे थे। इस दौरान सोनकच्छ पेट्रोल पंप के पास मनमोहन ने आधा दर्जन साथियों के साथ मिलकर बस से सुनील को उतारा और उसका अपहरण कर स्कार्पियो में ले गए। गया प्रसाद को यह बात सुबह घर पहुंची उसकी बेटी और संतोष ने बताई थी। इधर, जैसे ही गया प्रसाद शिकायत कर थाने से गया, तो मुजालदे के मोबाइल फोन की घंटी बजने लगी। उन्हे गुनगा पुलिस ने बताया कि धर्मरा गांव के पास सड़क किनारे एक युवक की लाश पड़ी है। इस पर वह मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया अस्पताल भेज दिया। मृतक की शिनाख्त निक्की उर्फ मिथलैस के रूप में हुई थी।
ऐसे शुरू हुई कहानी:निक्की उर्फ मिथलेस पिता गया प्रसाद (२०) की मोबाइल की दुकान है। जबकि उसके पिता बिजली विभाग में पदस्थ हैं। बैरसिया बाजार में करीब तीन साल पहले निक्की का संपर्क मनमोहन की साली मोनिका (परिवर्तित नाम) से हुआ। दोनों की आंखे ऐसे मिली कि बात प्यार तक पहुंच गई। फिर क्या था, दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा और मोनिका व निक्की ने शादी करने का फैसला भी कर दिया। दोनों के प्यार की खबर उनके परिजनों को पता चली गई। इस पर मोनिका के परिजन ने उसका घर से निकलना बंद कर दिया था। इसके बाद दो दिलों को कौन अलग करने वाला था, उन्होंने भागकर शादी करने की ठान ली।
और ऐसे खत्म...: गत १९ अगस्त को निक्की और उसके दोस्त बिट्टू ने मोनिका को भगाने की योजना बनाई। इसके लिए मोनिका ने पहले ही सहमति जता चुकी थी। इसके बाद बिट्टू ने निक्की के पिता गया प्रयाद की मारुति वैन बहन को भोपाल से लाने के बहाने से ले ली। इस काम में निक्की का बड़ा भाई सुनील भी शामिल था। तीनों ने मिलकर मोनिका को गाड़ी में बैठाया और उसे भोपाल में रहने वाले एक रिश्तेदार के घर छोड़ दिया। वे रक्षाबंधन के बाद शादी करने वाले थे। इसके बाद बिट्टू गाड़ी लेकर बैरागढ़ में रहने वाली अपनी बहन के घर चला गया और सुनील भी अयोध्या में रहने वाली अपनी बहन के घर पहुंचा। दूसरी ओर निक्की बाइक से बैरसिया स्थित अपने घर लौट आया था। गत २० अगस्त की सुबह साढ़े नौ बजे मनमोहन ने फोन कर निक्की को बैरसिया पार्क बुलाया और उसे कार में बैठाकर धर्मरा गांव ले गए। डर-सहमे निक्की ने मोनिका को अपने साथ ले जाना कबूल लिया था। मनमोहन के दबाव में आकर उसने बिट्टू को फोन कर बुला लिया। इसके बाद जगंल में मनमोहन और उसके साथियों ने बिट्टू और निक्की की जमकर पिटाई लगाई। इतना ही नहीं जब मनमोहन को यह पता चला कि उसकी साली को भगाने में सुनील का हाथ भी था, तो वह सोनकच्छ स्थित पेट्रोल पंप पहुंचा। वहां जैसे ही सुनील अपने मौसी के लड़के संतोष के साथ बहन को लेकर आ रहा था, तो मनमोहन समेत आधा दर्जन लोगों ने बस से सुनील को उतार लिया और उसे स्कार्पियो में बैठाकर अपने साथ ले गए। इसके बाद उन्होंने निक्की, बिट्टू और सुनील के साथ धर्मरा गांव के जंगल में लोहे की राड और डंडों से मारपीट की। मारपीट में निक्की की मौके पर मौत हो गई। जबकि बिट्टू औ सुनील बेहोश हो गया। उन्होंने निक्की के शव को धर्मरा गांव स्थित सड़क और सुनील व बिट्टू को गांधी नगर चौराहे के पास फेंक दिया। वहीं घायलों को 108 एंबुलेंस ने हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां सुनील ने पूरी घटना के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी।
सदमे में मोनिका: अपने प्रेमी निक्की की मौत के बाद मोनिका सदमे में है। बैरसिया पुलिस ने उसे बयान के लिए थाने बुलाया, तो उसने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और वह आंखों में आंसू लिए चुपचाप एक कौने में बैठी रही। लाख समझाइश के बाद भी वह बोलने को तैयार नही थी।
यह हैं साजिशकर्ता: साली मोनिका के भागने से नाराज जीजा मनमोहन ने राकेश, दीपक, पप्पू नाई, राहुल बैरागी, अवध, दीनदयाल उर्फ दीनू, धर्मवीर उर्फ धन्ना और वीरेन्द्र के साथ मिलकर निक्की की हत्या की सजिश रची। इसके बाद उसने बारी-बारी से निक्की, बिट्टू और सुनील को बंधकर बनाकर उनके साथ मारपीट की थी। पुलिस ने सभी साजिशकर्ता के खिलाफ हत्या व अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है। कहानी लिखे जाने तक पुलिस ने मोनिका के भाई दीपक को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि बाकी के आरोपी फरार हैं।
Sunday, June 26, 2011
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