Tuesday, June 07, 2011

अय्याशी ने बनाया लुटेरा

मनोज राठौर
21 फरवरी 2011 की शाम भोपाल क्राइम ब्रांच एएसपी मोनिका शुक्ला आॅफिस में बैठकर फाइलें पलट रही थी। इस दौरान उन्हें मोबाइल फोन पर सूचना मिली कि हबीबगंज स्थित छह नंबर बस स्टाप पर एक लुटेरों का गिरोह वारदात को अंजाम देने की फिराक में घूम रहा है। इस पर बिना वक्त गवांए एएसपी ने स्टाफ को लोकेशन देकर रवाना किया। मौके पर पहुंची क्राइम ब्रांच व हबीबगंज थाने की पुलिस ने घेराबंदी कर तीन मोटर सायकिलों सवार तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान गोविंदपुरा, विकास नगर निवासी बाबू होसमठ पुत्र बिरैया कुमार (22), जो मूलत: हरियाणा के पलवल कैलाश नगर का रहने वाला, होशंगाबाद सीआईएफएफ काम्प्लेक्स निवासी कमलदीप सिंह उर्फ सनी पुत्र स्व. काबुल सिंह (22), जो मूलत: ग्राम बसी जलाल, जिला होशियारपुर पंजाब और सुनील के रूप में हुई। तत्वरित जांच में तीनों के पास मिली बाइक चोरी की पाई गई। पुलिस द्वारा शुरू की गई प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी आनाकानी करने लगे, लेकिन सख्ती बरतने पर उन्होंने शहर में लूट व चोरी की वारदातें करना स्वीकार की।
ऐसे बनाई गैंग: लूट व चोरी की वारदातों का मुख्य सरगना बाबू होसमठ है। इसके पिता बिरैया पूर्व में सीआईएसएफ गोविंदपुरा में आरक्षक के पद पर कार्यरत थे। कम उम्र में उसे अय्याशी की लत लग गई और घर से पैसे नहीं मिलने पर वह चोरी और लूट की वारदात करने लगा। बाबू पिछले साल पिपलानी इलाके में एक लूट के मामले में सजा काट रहा था। इस दौरान जेल में उसकी दोस्ती सनी से हो गई। दोनों आरोपी जनवरी से अगस्त 2010 तक एक साथ जेल में रहे। इसके बाद सिंतबर महीने में बाबू व सनी जेल से रिहा हुए और बाहर आते ही एक गैंग बनाने की योजना बनाई। उन्होंने अपनी गैंग में परिचित सुनील को शामिल कर लिया। इसके बाद तीनों ने मिलकर सबसे पहले बाइक चोरी करना शुरू किया। वे गाड़ियों को शहर के अलग-अलग स्थानों से मास्टर चाबी की सहायता से चोरी करते थे और उन्हें उन्हें अस्पताल व रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़ा कर देते थे। जैसे ही उन्हें गाड़ी का ग्राहक मिलता, वे वैसे ही उसे औनेपौने दामों पर ठिकाने लगा देते थे।
एटीएम तोड़कर चोरी का प्रयास: गिरोह के सदस्य पिछले साल नवंबर महीने से लगातार चोरी व लूट की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। इसी कड़ी में उन्होंने होशंगाबाद स्थित एक एटीएम बूथ का कांच तोड़कर चोरी का प्रयास किया, लेकिन एक बाइक सवार के आने पर वे अपनी चोरी की बाइक छोड़कर भाग निकले।
अय्याशी में उड़ाते थे पैसे: कम उम्र से ही बाबू व सनी को शराब पीने, महंगे कपड़े पहनने, नई-नई गाड़ियों में घूमने और लड़कियों पर पानी की तरह पैसे खर्च करने की आदत लगी हुई थी। उनके साथ रहने के बाद सुनील भी बिगड़ गया। तीनों आरोपियों ने अपनी अय्याशी को पूरा करने के लिए लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले पिछले साल एक जनवरी को छह नंबर बस स्टाप पर सांची पार्लर के एजेंट से करीब डेढ़ लाख रुपए लूटे थे। इन पैसों से आरोपियों ने जमकर शराब पी और वाहनों को किराए पर लेकर अय्याशी की।
दोस्त के पास मिली बाइक: होशंगाबाद स्थित एटीएम बूथ में असफल चोरी का प्रयास करने के बाद बाबू, सनी व सुनील पुलिस की नजरों में चढ़ गए थे। इसके चलते ही कुछ दिनों के लिए बाबू दिल्ली और सुनील व सनी होशंगाबाद में जाकर रहने लगे। मगर, अय्याशी की लत जल्दी ही उन्हें भोपाल की ओर खींच लाई। उन्होंने नए शहर में आते ही एक के बाद एक पल्सर समेत अन्य बाइक चोरी की और उन्हें अपने साथी गोविंद के पास रख दी। पुलिस ने गोविंद के पास से कई चोरी की बाइक बरामद की है। गोविंद पर गोविंदपुरा थाने में एक लूट का मामला दर्ज है। आरोपी सनी पर पिपलानी थाने में चार लूट व एक वाहन चोरी का प्रकरण दर्ज हैं, जबकि बाबू पर पिपलानी थाने में चार लूट और चार चोरी के मामले हैं।
इनकी अहम भूमिका: दरअसल, गिरोह के लिए चोरी की बाइक बेचना मुश्किल हो रहा था। उन्हें ग्राहकों का लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा था। इसके चलते ही उनकी अय्याशी पर ब्रेक लग गया था। अय्याशी की लत ने उन्हें लूट की वारदात को करने के लिए मजबूर किया और गिरोह अलग-अलग बाइकों पर सवार होकर हबीबगंज क्षेत्र में लूट की वारदात को अंजाम देने की फिराक में घूमने लगे। मगर, इस बार उनकी किस्मत खराब थी, क्योंकि पुलिस उनके शहर में निकलने का इंतजार कर रही थी। एक मुखबिर ने क्राइम ब्रांच के आरक्षक मुरली कुमार व ऐहतेशाम को उनके छह नंबर बस स्टाप पर घूमने की सूचना दे दी। फिर क्या था, एएसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच व हबीबगंज थाने की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर घेराबंदी कर आरोपियों को रंगे हथों दबोच लिया।

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