मनोज राठौर
सात दिसंबर 2011 की सुबह-सुबह हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाली मोना (परिवर्तित नाम) गौतम नगर थाने पहुंची। इधर,
थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भी महिला को देखकर समझ गए कि कोई गंभीर बात है, इसलिए महिला सुबह-सुबह खुद आई है। महिला ने पुलिस कर्मियों को बताया कि मेरे पति सुरेश विश्वकर्मा (40) कल से गायब है। वह मुझे घर पर छोड़ने के बाद थोड़ी देर में आने का कहकर कहीं गए थे। इसके बाद घर लौटकर नहीं आए। पुलिस ने तत्काल महिला की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली और वायरलैस सेट के माध्यम से शहर के सभी थानों में सुरेश के लापता होने की सूचना प्रेषित कर दी।रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद मोना घर के लिए निकल गई। वह घर भी नहीं पहुंची होगी की पुलिस को सूचना मिली कि नरियलखेड़ा स्थित गणेश नगर में सड़क किनारे खून के निशान और एक व्यक्ति के हाथ की एक अंगुली कटी पड़ी हुई है। इस पर थाने से टीआई को घटना की जानकारी देने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और उसने अंगुली को बरामद कर लिया। पुलिस आसपास पड़े खून को देखकर समझ गई कि जहां किसी पर जानलेवा हमला किया गया है। पुलिस खून के धब्बों का पीछा करते हुए गणेश नगर में बने एक सेफ्टिक टैंक तक पहुंच गई। शंका होने पुलिस ने टैंक में छानबीन करने के लिए नगर निगम का अमला बुलवा लिया। कर्मचारियों ने टैंक की सफाई की, तो उसमें एक युवक की लाश पड़ी हुई थी। लाश को देखकर पुलिस का शक गहरा गया और उसने तत्काल मौके पर थाने में पति के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली मोना को बुलवा लिया। मोना ने लाश देखी, तो उसका कलेजा मुंह को आ गया। उसने पुलिस को बताया कि उक्त युवक उसका पति है, जो कल रात से लापता था।
थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भी महिला को देखकर समझ गए कि कोई गंभीर बात है, इसलिए महिला सुबह-सुबह खुद आई है। महिला ने पुलिस कर्मियों को बताया कि मेरे पति सुरेश विश्वकर्मा (40) कल से गायब है। वह मुझे घर पर छोड़ने के बाद थोड़ी देर में आने का कहकर कहीं गए थे। इसके बाद घर लौटकर नहीं आए। पुलिस ने तत्काल महिला की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली और वायरलैस सेट के माध्यम से शहर के सभी थानों में सुरेश के लापता होने की सूचना प्रेषित कर दी।रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद मोना घर के लिए निकल गई। वह घर भी नहीं पहुंची होगी की पुलिस को सूचना मिली कि नरियलखेड़ा स्थित गणेश नगर में सड़क किनारे खून के निशान और एक व्यक्ति के हाथ की एक अंगुली कटी पड़ी हुई है। इस पर थाने से टीआई को घटना की जानकारी देने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और उसने अंगुली को बरामद कर लिया। पुलिस आसपास पड़े खून को देखकर समझ गई कि जहां किसी पर जानलेवा हमला किया गया है। पुलिस खून के धब्बों का पीछा करते हुए गणेश नगर में बने एक सेफ्टिक टैंक तक पहुंच गई। शंका होने पुलिस ने टैंक में छानबीन करने के लिए नगर निगम का अमला बुलवा लिया। कर्मचारियों ने टैंक की सफाई की, तो उसमें एक युवक की लाश पड़ी हुई थी। लाश को देखकर पुलिस का शक गहरा गया और उसने तत्काल मौके पर थाने में पति के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली मोना को बुलवा लिया। मोना ने लाश देखी, तो उसका कलेजा मुंह को आ गया। उसने पुलिस को बताया कि उक्त युवक उसका पति है, जो कल रात से लापता था।अवैध संबंध ने ली जान
सुरेश से पेशे से आर्किटेक्ट था। इसके साथ-साथ वह पैसे को ब्याज पर देने का कारोबार भी करता था। उसके पास रुपयों की कमी नहीं थी। घर में खुबसूरत पत्नी और भरापूरा परिवार था। उसे किसी बात की कमी नहीं थी, लेकिन शराब और जुए की लत उसे बर्बादी की ओर ले जा रही थी। पति ने उसे कई बार समझाया, लेकिन सुरेश अपनी जिंदगी में जी रहा था। डेढ़ साल पहले उसकी अमीरी का फायदा उसकी कॉलोनी से लगे मोहल्ले में रहने वाले अर्जुन अहिरवान ने उठाया। उसने सुरेश से मेल-जोल बढ़ा लिया। इसके बाद सुरेश शराब के अड्डों पर बैठने के वजाए अर्जुन के घर पर ही शराब पीने लगा। दोनों रोजाना घर पर बैठकर शराब पीते थे। इसी दौरान सुरेश की नजर अर्जुन की खूबसुरत पत्नी पर पड़ी। वह शराब पीने के बहाने अर्जुन के घर आता और उसकी पत्नी पर बुरी नजर रखता। इससे अर्जुन को कोई फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि उसे रोजाना फ्री की शराब मिल रही थी। इधर, अर्जुन की पत्नी सुरेश की निगाहों की पढ़ चुकी थी। सो, वह उससे नजरें चुराने लगी। सुरेश ने एक दिन मौका पाकर उसके सामने अपने प्यार का इजहार कर दिया। पहले तो वह थोड़े देर के लिए डर गई, लेकिन बाद उसने आंखों से सुरेश के प्यार को हरि झंठी दे दी। इसके बाद क्या था, दोनों छुप-छुपकर एक-दूसरे से मिलने लगे। वह अर्जुन की गैर-मौजूदगी में उसके घर घंटों रूकने लगा। इस दौरान उसने अर्जुन की पत्नी से अवैध संबंध स्थापित कर लिए थे। अवैध संबंध का सिलसिला करीब डेढ़ साल तक चला, लेकिन अर्जुन की बेटी ने जवानी की दहलीज पर कदम रखा, तो उसने सुरेश के घर पर आने का विरोध करने लगी। उसे सुरेश का घर आना और घंटों उसकी मां के साथ कमरें में रहना पसंद नहीं था।
ओर कर दी हत्या
उधर, बेटी के विरोध को देखते हुए अर्जुन ने सुरेश का घर आना बंद कर दिया। इससे सुरेश नाराज होगा और उसने खुली चुनौती देते हुए अर्जुन के घर के बाहर हंगामा करना शुरू कर दिया। इसी बात को लेकर गणेश चर्तुर्थी के दिान अर्जुन और सुरेश के बीच झगड़ा हुआ था। हालांकि, रहवासियों के हस्ताक्षेप के बाद मामला शांत हो गया था। इस झगड़े के बाद से अर्जुन ने तय किया कि वह एक न एक दिन सुरेश की जान ले लेगा। छह दिसंबर की रात शराब के नशे में सुरेश अर्जुन के घर पहुंचा। वहां अर्जुन की अपनी पत्नी और बेटी के साथ बैठकर बातें कर रहा था। सुरेश ने वहां पहुंचते ही अर्जुन को जोर से आवाज लगाई, लेकिन अर्जुन ने दरवाजे खोलने से मना कर दिया। इससे नाराज सुरेश ने जोरजोर से दरवाजा खटखटाया और उसकी पत्नी के बारे में अनाप-शनाप बोलने लगा। इस दौरान योजना के तहत अर्जुन ने फोन कर अपने साले राजेश, अनिल, अरुण और तरुण को घर बुला लिया। इसके बाद उन्होंने सुरेश पर चाकू से हमला कर दिया और उसकी जान ले ली। हत्या के बाद आरोपियों ने लाश छुपाने की गरज से लाश गणेश नगर स्थित सेफ्टिक टैंक में डाल दिया। घटना के बाद पांचों आरोपी इलाके में ही रहे और अपने-अपने काम करने में लग गए, जैसे कुछ हुआ ही नहीं, लेकिन उनकी एक गलती ने उनकी इस योजना पर पानी फेर दिया। जिस स्थान पर अर्जुन ने अपने साथियों के साथ मिलकर सुरेश की हत्या की थी, उस जगह खून के धब्बों के साथ ही सुरेश के हाथ की एक अंगुली कटकर गिर गई थी। इस पर उनका ध्यान नहीं गया था।
पत्नी को घर छोड़कर गया था सुरेश
सुरेश घटना की रात करीब नौ बजे अपनी पत्नी के साथ मंदिर गया। वहां से लौटने के बाद उसने अपनी पत्नी को घर छोड़ा और कुद देर बाद घर पर वापस आने का कहकर निकल गया। सुरेश देर रात तक घर लौटता था, इसलिए उसकी पत्नी ने उसकी ज्यादा चिंता नहीं की। मगर, सुबह जब पति घर नहीं पहुंचा, तो उसे चिंता सताने लगी। उसने पहले फोन पर अपने रिश्तेदारों से उनकी जानकारी ली, लेकिन सुरेश का सुराग नहीं लगा, तो उन्होंने थाने में आकर उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई।



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