Wednesday, January 25, 2012

पत्नी को बेचने की कोशिश

आस्ट्रेलिया में पत्नी को बुलाकर बेचने का मामला
मनोज राठौर
कोटरा में रहने वाली 25 वर्षीय मोना (परिवर्तित नाम) की इसी साल जुलाई महीनें में उसके परिजन ने धूम-धूम से होशंगाबाद रोड स्थित चिनार फॉरच्यूर निवासी रामनरेश भार्गव के बेटे जैमिनी भार्गव से की थी। मोना की शादी में उसके परिजन ने लाखों रुपए खर्चा किया और दहेज में जैमिनी की हर मांग पूरी की। जैमिनी कई सालों से आॅस्ट्रेलिया में रह रहा था।शादी के करीब चार दिन बाद ही जैमिनी मोना को घर पर छोड़कर आॅस्ट्रेलिया चला गया। उसने जाते समय मोना से कहा था कि वह कुछ दिनों बाद ही उसे भी आॅस्ट्रेलिया बुला लेगा। हालांकि, महीनों बीतने के बाद न ही जैमिनी का फोन आया और न ही उसने कभी इंटरनेट पर पत्नी की बातों का जबाव दिया। मोना पति से बात करने की कोशिश करती, लेकिन वह हर बार उससे कन्नी काट लेता। इधर, मोना के ससुर रामनरेश, सास पुष्पा और ननद प्रियंका उसे दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे। उसने दहेज का विरोध भी किया, लेकिन ससुराल वालों के आगे उसकी एक नहीं चल पाई। इससे तंग आकर उसने किसी तरह पति जैमिनी से संपर्क किया। एक-दो बार तो जैमिनी उसे टरकाता रहा, लेकिन मोना के सख्त रवैए के आगे उसकी एक नहीं चली और उसने मन मारकर 25 अक्टूबर 2011को उसे आॅस्टेÑलिया बुला लिया। वहां एयरपोर्ट पर मोना पति के आने का इंतजार करती रहीं, लेकिन वह तीन घंटे तक नहीं आया। लंबा इंतजार करने के बाद जैमिनी एयरपोर्ट पहुंचा और मोना को एक टैक्सी में बैठाकर खुद थोड़ी देर में आने का कहकर दूसरी टैक्सी में बैठकर कहीं चला गया। उधर, टैक्सी वाले ने आॅस्टेÑलिया के अनजान स्थान पर मोना का उतार दिया और वहां से चला गया। मोना जिस स्थान पर खड़ी थी, वहां अवैध धंधा होता था। उस पर कई संदिग्ध लोग भी नजर रखे हुए थे। सभी मोना को देखने के बाद आपस में बातचीत कर खुद योजना बना रहे थे। लोगों की संदिग्ध गतिविधियों को देख मोना ने जैमिनी को फोन लगाया, लेकिन उसने उसका फोन रिसीव नहीं किया। घंटों परेशान होने के बाद उसने एक बार फिर पति को फोन लगाया, तो उसने मोबाइल फोन बंद कर लिया। बेचारी कहीं जा भी नहीं सकती थी, क्योंकि उसका आॅस्ट्रेलिया में कोई परिचित नहीं था। सो, उसने अपने साथ हुई घटना की जानकारी भोपाल में फोन से परिजन को दी। इस पर उसके पिता ने आॅस्ट्रेलिया में रहने वाले एक परिचित से किसी तरह संपर्क किया और बेटी के फंसे होने की जानकारी दी। इसके बाद उनका परिचित मोना के पास पहुंचे और वे उसे आॅस्टेÑलिया के एक थाने में ले गए, जहां पुलिस ने उसकी मदद करते हुए उसे किसी तरह भोपाल पहुंचाया।
रेड लाइट एरिया में छोड़ा: जैमिनी ने मोना को आॅस्ट्रेलिया के रेड लाइन एरिया में छोड़ा था। वहां जिस्मफरोशी का धंधा चलता था। वहां की संदिग्ध गतिविधियों को देखकर मोना सबकुछ अच्छी तरीके से समझ गई थी। इसके चलते ही उसने उस स्थान में रहने वाली एक चाइनीस परिवार से संपर्क किया। पहले तो चाइनीस परिवार ने उसे कोई भाव नहीं दिया और उसे संदिग्ध नजर से देखने लगे, लेकिन मोना ने अपनी परेशानी उनके सामने रखी, तो उन्होंने उसकी मदद की। उन्होंने मोना को बताया कि वह जिस स्थान पर खड़ी है, वहां जिस्म फरोशी का धंधा चलता है। यहां रोजाना नई-नई लड़कियों की खरीद-फरोख्त की जाती है। मोना ने उन्हें जैमिनी का नाम बताया, तो चाइनीस परिवार ने कहा कि तुम गलत आदमी के चक्कर में फंस गई है। जैमिनी इस एरिए में अक्सर आता-जाता रहता है। उसने तुम्हें किसी को बेच दिया होगा, जहां से जल्दी से निकल जाओं। वरना तुम्हारे साथ कोई अनहोनी हो सकती है। इससे डरी मोना ने तत्काल परिजन से संपर्क किया और उसकी मदद के लिए आॅस्ट्रेलिया में रहने वाले उसके परिचित आ गए। आॅस्ट्रेलिया से मोना 29 2011को भोपाल पहुंची और आरोपी पति, ससुर, साल व ननद पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया।
घटना के बाद से ससुराल पक्ष गायब: मोना के रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस की एक टीम ने आरोपी ससुराल वालों के घर पर दबिश दी, लेकिन उनका पता नहीं चला। जैमिनी के पड़ोसियों ने बताया कि उसका पूरा परिवार कुछ दिनों पहले ही घर पर ताला लगाकर कहीं भाग गए। मोना ने पुलिस पर भी आरोप लगाए। उसका आरोप है कि पुलिस की एक टीम ने उसके ससुराल वाले के एक रिश्तेदार के घर पर दबिश दी, लेकिन उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। उसने आरोपियों के विदेश भागजाने की आशंका भी जाहिर की थी।

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