Friday, January 20, 2012

महिला पुलिसकर्मी से बलात्कार

पहले दोस्ती की। इसके बाद महिला पुलिसकर्मी से नजदीकियां बढ़ाई और शादी का झांसा देकर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। ये घिन्नौना काम किसी आम आदमी ने नहीं, बल्कि एक पुलिसकर्मी ने किया...
मनोज राठौर
प्रोफेसर कॉलोनी स्थित पुलिस लाइन में रहने वाली 29 वर्षीय मोना (परिवर्तित नाम) ईओडब्ल्यू में सिपाही है। वह मूल रूप से जबलपुर की रहने वाली है, लेकिन पोस्टिंग के कारण पिछले दो साल से भोपाल में रह रही है। वह अपने-घर आती-जाती रहती थी। हालांकि, 2011 से डेढ़ साल उनकी दोस्त शाहजहांनाबाद थाने में पदस्थ सिपाही जितेंद्र तिवारी से हो गई। यह दोस्ती कुछ ही दिनों में नजदीकियां में तब्दील हो गई और जितेंद्र ने मोना को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया। उसने डेढ़ साल तक मोना को अपनी हवस का शिकार बनाया और बाद में उसका ट्रांसफर कटनी हो गया। इसके बाद मोना ने उससे संपर्क किया, तो उसने बातचीत करना बंद कर दी और उससे किनारा करने लगा। मोना उससे शादी की बात कही, तो वह आनाकानी करने लगा और उससे हर बार शादी करने का झूठा आश्वसन देता रहा। एक दिन मोना ने उससे परिवार के सदस्यों से संपर्क कर शादी की बात रखी। इस पर जितेंद्र और उसके परिजन ने शादी करने से साफ-साफ मना कर दिया। ऐसी स्थिति में मोना के पास एफआईआर दर्ज कराने के अलावा ओर कोई चारा नहीं था। सो, उसने जितेंद्र के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया।
ऐसा शुरू हुई कहानी: जितेंद्र और मोना कई सालों से एक-दूसरे को जानते हैं। दोनों ही जबलपुर के रहने वाले हैं। पुलिस में आने के बाद उनकी दोस्ती ओर ज्यादा गहरी हो गई। उधर, संजोग की बात थी कि दोनों की पोस्टिंग भोपाल में हो गई। मोना और जितेंद्र एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे, इसलिए वे भोपाल में एक-दूसरे घर आते-जाते रहते थे। कई बार तो दोनों एक साथ बाहर खाना भी खाते थे। मगर, यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई। यह बात मोना और जितेंद्र को पता ही नहीं चली। फिर क्या था, दोनों दिखने में खुबसूरत थे और जवान भी थे। वे जिंदगी की इस दौरान से गुजर रहे थे, जहां किसी का साथ होना जरूरी रहता है। जितेंद्र ने प्यार के बहाने मोना को शादी का झांसा दिया। उसने मोना से वादा किया कि वह शादी करेगा, तो सिर्फ उसी से करेगा। वे पुलिस में रहने के दौरान अच्छे से बच्चों की परवरिश कर सकेंगे, लेकिन यह वादा सिर्फ सफेद झूठ के सिवाए कुछ नहीं था। वह इसी वादे की दम पर मोना के करीब आ गया और उसने करीब डेढ़ साल तक उसे अपनी हवस का शिकार बनाया।
दोस्ती तोड़ना चाहता था: जैसे-जैसे जितेंद्र और मोना के बीच एक-साथ रहने का समय बढ़ता जा रहा था, वैसे-वैसे जितेंद्र उससे दूरियां बनाने लगा था। उसका मोना से दिल भरा गया था और वह उससे दोस्ती तोड़ना चाहता था। मगर, मोना कहा मानने वाली थी। उसके सिर पर तो शादी का भूत सवार था। उसने जितेंद्र पर शादी करने का प्रेशर बनाया, तो उसने किसी तरह अपना ट्रांसफर कटनी करवा लिया। उसे कटनी में कुछ दिन हुए थे, तभी मोना ने उससे शादी के संबंध में फाइनल जबाव मांगा। इस पर जितेंद्र प्रेशर में आकर शादी के लिए तैयार हो गया, लेकिन यह प्रेशर थोड़े दिनों का ही था। इसके बाद मोना ने जितेंद्र से संपर्क किया, तो उसने उसका फोन नहीं उठाया। इस पर मजबूर होकर मोना जबलपुर स्थित जितेंद्र के घर चली गई और वहां उसके परिजन से शादी की बात कही। हालांकि, परिजन शादी का नाम सुनकर भड़क गए और उससे वहां से चलता कर दिया।
जबलपुर से भोपाल आई डायरी: जितेंद्र के घर से जाने के बाद मोना चार नवंबर को जबलपुर के आधारताल थाने पहुंची और जितेंद्र के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया। घटनास्थल प्रोफेसर कॉलोनी होने के कारण आधारताल पुलिस ने जीरो पर मामला दर्ज कर केस डायरी को श्यामला हिल्स थाने में भेज दिया। मोना ने रिपोर्ट में लिखवाया कि डेढ़ साल पहले उसकी दोस्ती शाहजहांनाबाद थाने में पदस्थ सिपाही जितेंद्र तिवारी से हुई थी। इसके बाद जितेंद्र उसके घर आने-जाने लगा। मोना ने बताया कि जितेंद्र ने उसे शादी का झांसा दिया और करीब 18 महीनों तक उसके साथ ज्यादती की। वह कुछ दिनों पहले ही जबलपुर स्थित जितेंद्र के घर शादी की बात करने के लिए पहुंची, तो उसके परिजन ने शादी करने से इनकार कर दिया। इसके चलते ही उसने जितेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

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