Thursday, January 19, 2012

शराब के लिए पहले लूट, बाद में हत्या

शराब के नशे में चार युवक इतने अधिक डूब गए कि उन्होंने पहले एक युवक के साथ लूटपाट की और बाद में उसकी चाकू से नृशंस हत्या कर दी। पुलिस ने तीन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कहानी लिखे जाने तक एक आरोपी फरार था...
मनोज राठौर
अशोका गार्डन थाने में नए-नए आए थाना प्रभारी आरआर पाटीदार छह जुलाई 2011की रात 11.00 बजे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे थे। इस बीच थाने से उनके पास फोन आया कि औद्योगिकी क्षेत्र स्थित एवन ब्रेड फैक्टरी के पास कुछ लोगों ने एक युवक पर चाकू से हमला कर दिया है। घायल युवक को 108 एंबुलेंस से हमीदिया अस्पताल भेज दिया गया है। इतना सुनने के बाद पाटीदार बिना वक्त गवाए घटना स्थल पर पहुंच गए।उन्होंने घटना स्थल पर घायल युवक की जानकारी एकत्रित करनी चाही, तो उनके पास दोबारा एक सिपाही का फोन आया। उसने बताया कि साहब, घायल युवक की मौत हो गई है। अब यह मामला हत्या के प्रयास का नहीं, बल्कि हत्या का हो गया है। यह जानकारी मिलते ही पाटीदार ने पुलिस की एक टीम बनाई और मृतक की शिनाख्त करने के लिए कहा। टीआई का निर्देश का पालन करते हुए टीम एवन ब्रेड फैक्टरी पहुंची। वहां टीम ने कर्मचारियों और अधिकारियों को मृतक के हुलिए की जानकारी दी। पूछताछ के दौरान कर्मचारियों ने बताया कि उक्त हुलिए का युवक उनकी फैक्टरी में काम करता है। इसके बाद पुलिस के साथ कुछ कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने मृतक की साइकल को देखकर उसकी पहचान फैक्टरी में काम करने वाले सुभाष कॉलोनी निवासी आसिफ उर्फ इस्माइल पुत्र सुलेमान (22) के रूप में की। पुलिस ने मृतक की शिनाख्त होने पर राहत की सांस तो ली, लेकिन अब पुलिस के लिए हत्यारों का सुराग लगाने सबसे बड़ी चुनौती थी। इसके चलते पुलिस की अलग-अलग टीमों ने आसिफ के पड़ोसी, दोस्त और फैक्टरी में काम करने वाले लोगों से पूछताछ की। सप्ताहभर चली पूछताछ के बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची।
ऐसे की हत्या: घटना वाले दिन हुआ यूं कि आसिफ ठीक 11 बजे फैक्टरी से काम निपटाने के बाद साइकल से घर लौट रहा था। इस दौरान फैक्टरी से थोड़ी दूरी पर उसकी साइकल चार युवकों ने रोक ली। चारों युवक नशे की हालत में धुत थे। उन्होंने आसिफ से रुपए की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इस बीच आसिफ ने कुछ समय तक आरोपियों का सामना भी किया, लेकिन एक युवक ने आसिफ की शर्ट से उसके ही हाथ-पैर बांध दिए और उसकी पेंट की जेब से करीब सात सौ रुपए, दो मोबाइल फोन निकाला। इसके बाद आरोपियों ने उसके पेट में चाकू घोंप दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी भाग निकले और कलारी पर जाकर शराब खरीद ली।
क्राइम ब्रांच को मिला हत्यारों का सुराग: एएसपी एसएम वर्मा ने बताया कि 21 अगस्त को एक मुखबिर ने क्राइम ब्रांच को सूचना दी कि आसिफ की हत्या करने वाले आरोपी अशोका गार्डन स्थित सेमरा गेट के पास घूम रहे हैं। इस पर उन्होंने क्राइम ब्रांच और अशोका गार्डन पुलिस की एक संयुक्त टीम का गठन किया। उनके मार्ग दर्शन में उक्त टीम ने मौके पर जाकर घेराबंदी कर तीन आरोपियों को दबोच लिया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी आनाकानी करने लगे, लेकिन सख्ती बरतने पर उन्होंने आसिफ से लूट और उसकी हत्या करना स्वीकार की। आरोपी की पहचान देशराज उर्फ भैया कुशवाह (27), सोनू शाक्य (23) और बुंदेल शाक्य (18) के रूप में हुई। सभी आरोपी सेमरा गेट, बाबू कॉलोनी के रहने वाले हैं। आरोपियों का एक साथी राजपाल फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
शराब के लिए हत्या: घटना वाले दिन चारों आरोपियों ने देशी कलारी पर जमकर शराब पी। हालांकि, इस दौरान आरोपियों ने ओर अधिक शराब खरीदने के लिए अपनी-अपनी जेब टटोली, तो किसी के पास एक रुपया भी नहीं निकला। इस पर चारों ने रुपए के लिए लूट करने की योजना बनाई। वे नशे की हालत में थे और उनके सिर पर रुपए हासिल करने के लिए सिर्फ लूटपाट करने का जुनून सवार था। इस पर चारों युवक घूमते-फिरते हुए औद्योगिकी क्षेत्र स्थित एवन ब्रेड फैक्टरी के पास पहुंचे और अंधरे में किसी के आने का इंतजार करने लगे। इस दौरान आसिफ वहां से जैसे ही गुजरा, तो आरोपियों ने उसे रोक लिया। विरोध करने पर आरोपियों ने आसिफ के हाथ-पैर उसकी शर्ट से बांध दिए और लूटपाट करने के बाद उसकी चाकू से नृशंस हत्या कर दी। आरोपियों पर इक्कादुक्का मारपीट और अड़ीबाजी के मामले ही दर्ज हैं। आरोपियों ने स्वीकार किया कि शराब के लिए रुपए नहीं मिलने पर उन्होंने आसिफ से जबरिया लूटपाट की और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी।
प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा मामला: अशोका गार्डन थाना पुलिस की एक टीम ने आसिफ के घर की तलाशी ली, तो वहां उन्हें एक युवती का फोटो मिला। फोटो देखने के बाद पुलिस मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखने रही थी, लेकिन युवती का सुराग नहीं मिलने पर पुलिस की जांच फिर से ठंडे बस्ते में चली गई। पुलिस सप्ताहभर पहले जहां खड़ी थी, उसने खुद को वहीं पाया।

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