एमपी नगर में आईसीआईसीआई एटीएम को लूटने का मामला
मनोज राठौरहबीबगंज के 1/30,1100 क्वार्टर निवासी अनूप सिंह के पिता सरकारी ड्राइवर हैं। उसके घर में किसी चीज की कमी नहीं है। परिजन ने सोचा था कि अनूप पढ़-लिखकर उनका नाम रोशन करेगा, लेकिन उसने स्कूल के बाद कॉलेज की पढ़ाई पूरी नहीं की और घर पर प्ले स्टेशन खोल लिया। मगर, तीन साल पहले उसके शातिर में कुछ अलग ही चल रहा था।उसने प्ले स्टेशन सिखाने
की आड़ में अपना गिरोह तैयार किया। उसने गिरोह में विश्वजीत, सईद, अनिल, शकील और हीरा ठाकुर शामिल थे। अनूप और विश्वजीत स्कूली दोस्त हैं। अनूप कई बार जेल भी जा चुका था, जहां उसकी मुलाकात गिरोह के बाकी के साथियों से हो गई। उधर, हीरा भी अनूप का परिचित है, जो कम्प्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर है। अनूप गिरोह का मास्टर माइंट था और वहीं चोरी के ठिकानों को तय करता था। वह गिरोह के सदस्यों के साथ इलेक्ट्रॉनिक दुकानों को निशाना बनाता था और वहां से इलेक्ट्रॉनिक का सामान चोरी करता था। उसने ही गिरोह के सदस्यों को अलग-अलग काम सौंपे थे, जिसमें सईद, अनिल, शकील ठोस धातुओं को काटने और विश्वजीत ताकत से से उसे तोड़ने का काम करता था। विश्वजीत बाडी बिल्डर है और जिम में ट्रेनर था। अनूप इस्टीम कार से वारदात को अंजाम देता था। अनूप कार को घटना स्थल से थोड़ी दूर पर खड़ी कर देता और सबसे पहले एटीएम बूथ में लगे कैमरे और बिजली के तार काटता था। हालांकि, उनका यह चोरी का खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चला और वे 10 नवंबर 2011 को एक के बाद एक कर क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गए। क्राइम ब्रांच ने उनके पास से 20 लाख रुपए से ज्यादा का इलेक्ट्रॉनिक आइटम बरामद किया। इसके अलावा उनके पास से एक कार और पांच दो पहिया वाहन भी मिले, जो उन्होंने चोरी के रुपए से खरीदे थे।
की आड़ में अपना गिरोह तैयार किया। उसने गिरोह में विश्वजीत, सईद, अनिल, शकील और हीरा ठाकुर शामिल थे। अनूप और विश्वजीत स्कूली दोस्त हैं। अनूप कई बार जेल भी जा चुका था, जहां उसकी मुलाकात गिरोह के बाकी के साथियों से हो गई। उधर, हीरा भी अनूप का परिचित है, जो कम्प्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर है। अनूप गिरोह का मास्टर माइंट था और वहीं चोरी के ठिकानों को तय करता था। वह गिरोह के सदस्यों के साथ इलेक्ट्रॉनिक दुकानों को निशाना बनाता था और वहां से इलेक्ट्रॉनिक का सामान चोरी करता था। उसने ही गिरोह के सदस्यों को अलग-अलग काम सौंपे थे, जिसमें सईद, अनिल, शकील ठोस धातुओं को काटने और विश्वजीत ताकत से से उसे तोड़ने का काम करता था। विश्वजीत बाडी बिल्डर है और जिम में ट्रेनर था। अनूप इस्टीम कार से वारदात को अंजाम देता था। अनूप कार को घटना स्थल से थोड़ी दूर पर खड़ी कर देता और सबसे पहले एटीएम बूथ में लगे कैमरे और बिजली के तार काटता था। हालांकि, उनका यह चोरी का खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चला और वे 10 नवंबर 2011 को एक के बाद एक कर क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गए। क्राइम ब्रांच ने उनके पास से 20 लाख रुपए से ज्यादा का इलेक्ट्रॉनिक आइटम बरामद किया। इसके अलावा उनके पास से एक कार और पांच दो पहिया वाहन भी मिले, जो उन्होंने चोरी के रुपए से खरीदे थे।ऐसे हत्थे चढ़ा अनूप: 11-12 सितंबर की दरमियानी रात एमपी नगर स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम को तोड़कर करीब सात लाख रुपए चोरी हुई थी। इस मामले में क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस ने बोर्ड आॅफिस चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटैज की पड़ताल की, तो उसमें एक संदिग्ध सफेद रंग की कार नजर आई। हालांकि, ये पुलिस के लिए कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं था। घटना के दो महीनें बाद अचानकर क्राइम ब्रांच के मुखबिर ने सूचना दी कि वह एटीएम में चोरी करने वाले एक संदेही को जानता है। उसने क्राइम ब्रांच को पता दिया 1/30,1100 क्वार्टर, हबीबगंज निवासी अनूप सिंह। इस पर क्राइम ब्रांच की एक टीम ने अनूप की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया। उधर, सादे कपड़ों में तैनात जवानों को अपने आगे-पीछे देख अनूप को शक हुआ और वह परिवार के साथ छपरा, बिहार स्थित अपने पुस्तौनी घर चला गया। इसी बीच क्राइम ब्रांच ने कुछ साक्ष्य एकत्रित कर अनूप के दोस्त जनता कॉलोनी, हबीबगंज निवासी अनिल, मीरा नगर निवासी सईद मंसूरी, नयापुरा कोलार निवासी विश्वजीत दास और ग्राम बावडिया कला शाहपुरा निवासी शकील खान को गिरफ्तार कर लिया। इसके कुछ दिनों बाद ही अनूप और उसके दोस्त हीरा को भोपाल से गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना का मास्टर माइंड अनूप है। उसने चार दोस्तों के साथ आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम में वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया।
टारगेट पर इलेक्ट्रॉनिक सामान: पुलिस रिमांड के दौरान मास्टर मांइड अनूप, विश्वजीत दास, शकील खान, अनिल, सईद और हीरा ठाकुर ने पिछले दो सालों में कोलार, कमला नगर, टीटी नगर, ऐशबाग, मिसरोद, हबीबगंज, शाहपुरा, बागसेवनिया, पिपलानी और टीटी नगर में 14 चोरी की वारदात करना कबूली हैं। इससे पहले आरोपियों ने दो एटीएम मशीनों को तोड़ने का असफल प्रयास भी किया था। उनकी निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने श्यामला हिल्स में रहने वाले उनके दोस्त हीरा ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। हीरा चोरी के सामान को ठिकाने लगाने का काम करता था। पुलिस ने आरोपियों से लेपटॉप, प्रिंटर, कम्प्यूटर, टीएफटी, वीडियो-स्टील कैमरें, फोटो कॉपी मशीन, एक स्कूटर, दो बाइक, मोबाइल फोन और उसकी एसेसरीज सहित 20 लाख रुपए से ज्यादा का सामान बरामद किया है। इसके अलावा पुलिस ने चोरी का सामान खरीदने वाले 11 लोगों को भी आरोपी बनाया है, जिनमें अधिकांश छात्र, साइबर कैफे संचालक और इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार शामिल हैं।
बाइक चलाने के शौकीन: आरोपी अपने महंगे शौक को पूरा करने के लिए चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। सभी चोरी की रकम से नई-नई गाड़ियों को खरीदने और अय्याशी में उड़ाते थे। अनूप बाइक चलाने का शौकीन था और वह स्टंट भी करता था। इसके चलते अनूप सहित उसके दोस्तों ने अपने-अपने हिस्सों में राशि से चार बाइक खरीद ली थी। मोनिका शुक्ला ने बताया कि आरोपियों ने शहर में दर्जनभर से ज्यादा चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। उनसे चोरी के माल को बरामद करने के अलावा शहर में हुई अन्य चोरी की घटनाओं के बारे में पूछताछ की जा रही है। चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
कुछ अलग हटकर किया: आईजी यादव ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम में हुई घटना को लेकर अलग-अलग बैंकों के मैनेजरों से एक बैठक में चर्चा की गई। इस दौरान देशभर में हुई अलग-अलग बैंकों के एटीएम में लूट और चोरी की घटनाओं की जानकारी जुटाकर उसकी समीक्षा की गई। इसमें सामने आया कि ये भारत में अपने तरह की पहली वारदात है , जिसमें आरोपियों ने अपने पीछे कोई भी सबूत नहीं छोड़ा। वे कैमरे के कनेक्शन काटने के साथ-साथ एटीएम मशनी की स्टोरेज डिवाइस और रिकॉर्डिंग बाक्स तक चोरी कर ले गए। उन्हें पता था कि स्टोरेज डिवाइस का डाटा बैंक के हैड-आॅफिस में भी रिकॉर्ड होता है।



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