Tuesday, October 18, 2011

बच्चों के लिए बना हत्यारा

(चीफ मैनेजर की हत्या का मामला)

मनोज राठौर

25 सितंबर 2011 को शाम 7.30 बज रहे थे। हबीबगंज स्थित शालीमार इंक्लेव कॉलोनी में रोजाना की तरह चहल-पहले थी। कई लोग घर के बाहर टहल रहे, तो कई लोग झुंड बनाकर इधर-उधर गप्पे लगा रहे थे। इस दौरान पंजाब एंड सिंध बैंक के चीफ मैनेजर एके नागपाल (52) कॉलोनी स्थित डायमंड ब्लाक-15 के फर्स्ट फ्लोन, फ्लेट नंबर तीन पर पहुंचे। उन्होंने दरवाजे की हालत देखी, तो वह चकित रहे गए। दरवाजा का ताला टूटा हुआ था। वह जैसी दरवाजा खोलकर अंदर गए, तो उनका सामना एक बदमाश से हो गया। बदमाश की शर्ट के अंदर चोरी का सामान भरा हुआ था। आरोपी भागने की फिराक में था, लेकिन नागपाल ने उसे लपककर पकड़ लिया। बदमाश ने पहचाने जाने की डर पर चाकू से उन पर ताबड़तोड़ वार किए। इसके बाद आरोपी उन्हें घायल अवस्था में छोड़कर खाली हाथ ही भाग निकला। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। नागपाल मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है। उनका बड़ा बेटा यूके में नौकरी करता है, जबकि छोटा बेटा वरूण और बेटी अपनी मां के साथ दिल्ली में रहते हैं।

बच्चों के जन्म दिन के लिए चोरी: नागपाल का हत्या गोविंदपुरा स्थित विकास नगर निवासी सुंदर उर्फ शैलेंद्र यादव (32) ने की थी। उसने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल किया और उसने जो कुछ बताया, उसको सुनकर एएसपी राजेश चंदेल, सीएसपी राजेश सिंह भदौरिया और हबीबगंज टीआई सुरेश दामले चकित रह गए। आरोपी सुंदर ने बताया कि उसके दो जुड़वा बच्चे हैं, जिसका जन्मदिन 27 सितंबर को था। उसके पास बच्चों का जन्मदिन मानने के लिए रुपए नहीं थे। साथ ही वकील को पेशी के लिए पांच हजार रुपए देना थे। उसकी तमन्ना था कि वह जन्मदिन के मौके पर अपने दोनों बच्चों को नए कपड़े खरीदकर दे और उनका धूम-धाम से जन्मदिन बनाए। लेकिन उसके सारे अरमान उसकी एक हरकत की वजह से पानी की तरहा बह गए। वह बच्चों के जन्मदिन के लिए जिस घर में चोरी करने गया था, वहीं उसने घर के मालिक नागपाल की चाकू से गोदकर हत्या कर दी।

भागने की फिराक में था आरोपी: सुंदर शाम करीब सात बजे मैनेजर के घर का ताला तोड़कर अंदर दाखिल हुआ। वह चोरी का सामान शर्ट में भरकर घर से बाहर निकलने ही फिराक में था। इतने में नागपाल ने दरवाजा खोल दिया। आरोपी उन्हें देखकर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उन्होंने उसे पकड़ लिया। उनका आरोपी से करीब 15 मिनट तक संघर्ष भी हुआ। इस बीच उसने श्री नागपाल पर चाकू से वार किए और उन्हें घसीटता हुए सीढ़ियों तक ले गया। हालांकि, श्री नागपाल के पड़ोसियों के शोर मचाने पर आरोपी चाकू लहराते हुए भाग निकले में सफल हो गया।

ऐसे पकड़ाया हत्यारा: घटना स्थल पर पुलिस को भविष्य निधी कार्यालय में पदस्थ एक ड्राइवर का आईकार्ड और अदालत में होने वाली पेशी की एक पर्ची मिली। इसी आधार पर पुलिस ने अशोका गार्डन क्षेत्र से गोविंदपुरा स्थित विकास नगर निवासी सुंदर उर्फ शैलेंद्र यादव (32) को गिरफ्तार कर लिया। वह 26 सितंबर की सुबह भागने की फिराक में था। प्रारंभिक पूछताछ में वह आनाकानी करने लगा, लेकिन शालीमार इंक्लेव के गार्ड ने उसकी पहचान कर ली। इसके बाद उसने मैनेजर की हत्या करना स्वीकार की। कुछ सालों पहले सुंदर भविष्य निधी कार्यालय में ड्राइवर था, लेकिन उसे करीब दो साल पहले सस्पेंड कर दिया गया था। नौकरी के दौरान ही आरोपी कई बार एक अधिकारी के साथ नागपाल के घर गया था। तभी से वह नागपाल को जानता था। उपुलिस ने उसके पास से हत्या में प्रयोग किए गए चाकू और खून लगी शर्ट बरामद कर ली है।

डॉटर-डे पर दी थी बेटी को बधाई: घटना वाली दोपहर करीब चार बजे नागपाल ने अपने छोटे बेटे वरूण को फोन लगाया। फोन पर उन्होंने सबसे पहले अपनी छोटी बेटी को डॉटर-डे के अवसर पर बधाई दी और उसकी लंबी उम्र की मनोकामना की। वरूण ने पिता से भोपाल के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि भोपाल बहुत अच्छा है और यहां रहते हुए ढाई साल कब बीत गए पता ही नहीं चला। उन्होंने दिल्ली आने की इच्छा भी जाहिर की और वरूण से कहा कि वह इसी साल रिटायर्डमेंट के बाद दिल्ली आएंगे।

चाकू से डर गए सिक्युरिटी गार्ड: नागपाल के पड़ोसियों के शोर मचाने पर भाग रहे आरोपी सुंदर को कॉलोनी की एक युवती ने पकड़ लिया, लेकिन वह थोड़ी देर बाद ही उसे धक्का देकर मेन गेट की ओर भागने लगा। इधर, आरोपी को मेन गेट की ओर आता देख सुरक्षा गार्ड बाबूलाल पटेल, रेवती रमन मिश्रा और चिंतामणी ने उसे दबोच लिया। वे उसे गार्ड रूम के पास लेकर आ रहे थे, इसी बीच वह रास्ते में जमीन पर लेट गया। सुरक्षा कर्मियों ने उसे उठाने की कोशिश की, तो उसने अचानक पीठ के पीछे छुपाए एक चाकू को निकाला और उन पर हमला करने लगा। इस पर तीनों गार्ड जैसे ही पीछे हटे, वैसे ही वह भाग निकला।

आरोपी ने तोड़े दो ताले : नागपाल के घर के दरवाजे में दो गेट लगे हैं। एक लोहे की जाली का है, जबकि दूसरा लकड़ी का। आरोपी नागपाल के घर में चोरी की नियत से दाखिल हुआ था। उसने घर में लगे लोहे की जाली वाले और लकड़ी वाले दरवाजे के ताला को एक के बाद एक कर तोड़ा। इसके बाद वह चोरी का सामान शर्ट में भरकर घर से निकलने की फिराक में था, लेकिन इसी बीच नागपाल आ गए।

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