Friday, July 01, 2011

फंस गया झूठे प्यार के जाल में...

व्यापारी से फिरौती मांगी (पिपलानी)

मनोज राठौर

पिपलानी स्थित सिद्धार्थ लेक सिटी निवासी भगवानदास खामरा जमीन की खरीद-फरोख्त और भवन निर्माण का ठेका लेने का काम करते हैं। वह गत 10 अक्टूबर 2010 की सुबह रोजाना की तरह चाय पी रहे थे। इस दौरान उनके मोबाइल फोन की घंटी बजने लगी। जब उन्होंने मोबाइल की स्क्रीन पर देखा, तो कोई अंजान नंबर (9770283903) आया था। जैसे ही खामरा ने मोबाइल फोन रिसीव किया, तो फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि तुम्हारे इकलौते बेटे को जान से खत्म कर दूंगा। जल्दी से10 लाख रुपए की व्यवस्था कर लो। खामरा ने फोन करने वाले से उसका नाम पूछा, तो वह भड़क गया और उनसे अभद्रता करने लगा। फोन काटते समय आरोपी ने कहा कि मैं आने वाले समय का डॉन हूं और नाम है जावेद। इस फोन के बाद खामरा की रातों की नींद उड़ गई। अगले दिन उन्होंने अपने मन की बात बिजनेस पार्टनर छोटेलाल को बताई। दोनों ने काफी विचार विमर्श कर घटना की पिपलानी पुलिस को देने की ठान ली। इसके बाद उन्होंने मामले की लिखित शिकायत थाने में कर दी। मामला व्यापारी से जुड़ा होने के कारण थाना प्रभारी आरआर बंसल ने घटनाक्रम की गुत्थी सुलझाने में एएसपी एके पांडे की मदद ली। श्री पांडे ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल आरोपी के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकवाई। कॉल डिटेल में कई लोगों के नंबर आए, जिसको देखकर पुलिस की परेशानी ओर अधिक बढ़ गई, लेकिन श्री पांडे ने हार नहीं मानी और समझबूझ का परिचय देते हुए घटना समय से लेकर करीब पांच दिनों तक की नंबरों की सूची तैयार की। इसके बाद एक के बाद नंबर की जांच की गई। हालांकि उक्त नंबरों में से एक नंबर पुराना शहर में रहने वाली एक युवती को लग गया और पुलिस ने उससे आरोपी को पकड़वाने के लिए मदद मांगी। युवती की मदद से पुलिस को पता चला कि फोन करने वाला आनंद नगर निवासी मैकेनीक बलदेव उर्फ बल्लू पिता राजेंद्र सिंह ठाकुर है।

यह था पुलिस का जाल: बलदेव जिस मोबाइल फोन से खामरा को धमकी दे रहा था। उसमें पहले से कई लड़कियों के नंबर फीड़ थे। उसने फोन पर पांच-छह लड़कियों से अपने इश्क का इजहार भी किया, लेकिन किसी ने उसे घास नहीं डाली। हालांकि, उसका एक नंबर पुराने शहर में रहने वाली मोनिका (परिवर्तित) नाम को लगा। उस समय बलदेव ने खुद का नाम जावेद बताया था। इधर, पुलिस के पास आरोपी के मोबाइल फोन नंबर की कॉल डिटेल थी, जिसमें मोनिका का नंबर भी था। पुलिस ने किसी तरह मोनिका से संपर्क किया और बलदेव को झूठे प्यार में फंसाने के लिए तैयार कर लिया। पुलिस के कहने पर मोनिका ने बलदेव को अपने झूठे प्यार में फंसा लिया। इसके बाद क्या था, पुलिस ने बलदेव की मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर उसे आनंद नगर से दबोच लिया।

करोड़पति बनने के सपने: बलदेव पेशे से मैकेनीक था। उसके गैरेज पर लोग चमचमाती कार लेकर आते-जाते रहते थे। यह चमचमाती कार उसके दिमाग पर चढ़ गई और उसने करोड़पति बनने की ठान ली। वह करोड़पति बनने के सपनों बुन ही रहा था कि उसे संयोग से गैरेज से घर जाते समय रास्ते में एक मोबाइल फोन पड़ा मिल गया। मोबाइल आने के बाद उसका शातिर दिमाग चलने लगा। खामरा का बेटा जयप्रकाश अपनी बाइक सुधरवाने के लिए अक्कसर बलदेव के गैरेज पर जाता था। इस दौरान आरोपी ने उससे खामरा का मोबाइल फोन नंबर हासिल कर लिया। इसके बाद उसने खामरा को फोन कर उनसे 10 लाख की मांग की।

दिवाली के दिन गोली मारने की धमकी: खामरा ने बताया कि आखिरी बार आरोपी बलदेव ने फोन कर उन्हें बताया था कि यदि रुपए समय पर नहीं मिले, तो दिवाली के दिन पटाखों की आवाज में वह उनके बेटे जयप्रकाश को गोली मार देंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा।

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