मनोज राठौर
राजधानी पुलिस ने चेन लूट करने वाले आधा दर्जन बदमाशों को गिरफ्तार कर अभी तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। इस छह सदस्यीय गिरोह ने शहरभर में आतंक मचा रखा था। गिरोह का सरगना फ्लैट खरीदने के लिए अपने बाकी के सदस्यों से लूट की वारदात करवाता था। वह लूट के माल को ठिकाने लगाने के बाद कुछ हिस्सा बाकी के साथियों में बांट देता था। गिरोह ने 50 लूट की वारदात करना कबूली हैं। उनके पास से 400 ग्राम सोने की चेन, एक बाइक और एक कट्टा मिला है।गत 26 अगस्त 2010 की रात गोविंदपुरा सीएसपी एचएन गुरु, पिपलानी टीआई आरआर बंसल व गोविंदपुरा टीआई जयराम रघुवंशी अपने-अपने इलाकों में पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस दौरान सीएसपी को वायरलेस सेट पर कंट्रोल से सूचना मिली कि कल्पना नगर स्थित जैन मंदिर के पास एक लाल रंग की पल्सर सवार तीन बदमाश एक महिला के गले से सोने की चेन झपटकर कर भाग रहे हैं। इस पर लोकेशन पाकर सीएसपी ने अपने ड्राइवर रंजीत भाटी और गनमैन नंदकिशोर के साथ लुटेरों का पीछा किया। इस दौरान ड्राइवर ने जीप से आरोपियों की बाइक को टक्कर मार दी। इससे वे गिर गए और इससे पहले की पुलिस जीप से उतरकर उन्हें दबोच पाती, दो आरोपी भाग निकले। पुलिस ने मौके से बाइक समेत एक आरोपी को दबोच लिया था। इधर, सीएसपी ने तत्काल वायरलेस सेट पर पिपलानी टीआई को सूचना दी। इस पर उन्होंने अपने सिपाही मोहन सिंह के साथ इलाके में घेराबंदी कर उक्त दो आरोपियों को भी पकड़ लिया था। तीनों आरोपियों को पिपलानी थाने में ले जाकर एएसपी एके पांडे ने लंबी पूछताछ की। इसके बाद सिलसिले-बार 50 लूट की वारदातों का खुलासा हुआ। पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने उनके तीन अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी की पहचान ऐशबाग निवासी जावेद उर्फ जुम्मन (25), आचार्य नरेंद्रदेव नगर निवासी छोटू उर्फ महेंद्र सूरवाड़े (२२), झील नगर निवासी केसरी राजपूत (25), उधमपुर, जम्मू निवासी राजकुमार शर्मा उर्फ राजू पंडित (25), मंडीदीप निवासी गुलजार राजपूत (22) व सिमराई निवासी दीपक विश्वकर्मा (24) के रूप में हुई।
जेल में हुई थी मुलाकात: गिरोह का सरगना जावेद और छोटू एक ही इलाके में रहते थे। गिरोह के बनने से पहले वे दोनों की शहर में चेन लूट की वारदात को अंजाम देते थे। मार्च में छोटू एक बच्चे के साथ दुष्कृत्य के मामले में सजा काट रहा था। जेल में उसकी मुलाकात राजू पंडित से हुई, जो धारा 151 की धारा(अबारागर्दी) में सजा काट रहा था। जेल में एक ही लॉकप में रहने से छोटू और राजू के बीच दोस्ती हो गई। जेल से रिहा होने के बाद छोटू ने राजू की मुलाकात जावेद से कराई। इसी तरह राजू ने अपने दोस्त केसरी, दीपक और गुजजार राजपूत को जावेद से मिलवाया और इसके बाद छह सदस्यीय लुटेरा गिरोह तैयार हो गया था।
जावेद भाड़े पर रखा था सदस्यों को: जावेद ने लूट की चेन को ठिकाने लगाने के बाद कोलार रोड पर साढ़े 11 लाख रुपए का एक फ्लैट बुक कराया था। इसके लिए वह एक लाख 11 हजार रुपए एडवांस भी दे चुका था। जावेद फ्लैट खरीदने के लिए गिरोह के सदस्यों से भाड़े पर वारदात करवाता था। वह सिर्फ लूट के माल को ठिकाने लगाने का काम करता था। उसकी ऐशबाग में एक मीट की दुकान भी है। लूट की वारदात करने के बाद जावेद कुछ हिस्सा ही अपने साथियों को देता था, बाकी के पैसों से वह फ्लैट को खरीदने के लिए जमा कर रहा था।
यह पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। इससे लोगों में बाइक सवार लुटेरों का खौफ खत्म होगा। हमेशा पुलिस विभाग का प्रयास रहता है कि राजधानी में शांति का माहौल बना रहे, इसके लिए पुलिस बदमाशों और लुटेरों गिरोह का सफाया करने में लगी हुई है।
डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव, आईजी भोपाल
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