मनोज राठौर
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी शेहराज खान पुत्र सुलेमान (35) चौक बाजार स्थित एक ज्वेलर्स की दुकान पर नौकरी करता था। उसकी 15 साल पहले सगीरा से शादी हुई थी, जिनके तीन बच्चें भी हैं। शेहराज मूल रूप से गांधी नगर इलाके के ग्राम परेवा खेड़ा का रहने वाला था। गांव में उसकी सवा दो एकड़ पैतृक भूमि है, जिसकी वर्तमान में कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है। इस जमीन को बेचने के लिए सगीरा पिछले कई सालों से पति पर दवाब बना रही थी। वह जमीन बेचकर एक आलीशान बंगला और कार खरीदकर ऐशो-आराम की जिंदगी गुजारना चाहती थी, लेकिन शेहराज भी पैतृक जमीन को किसी भी हाल में बेचने को तैयार नहीं था। इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होता था। कई बार विवाद बढ़ने पर शेहराज सगीरा के साथ मारपीट भी करता था। इससे नाराज होकर अक्कसर सगीरा अपने मायके चली जाती थी। हालांकि, बाद में शेहराज के परिजन की समझाइश से सगीरा वापस घर आ जाती थी। यह तामाशा पिछले एक साल से चल रहा था। मगर कहते हैं कि यदि औरत किसी बात की जिद पकड़ ले, तो उसे पूरा करके ही मानती है। इससे पहले उसे चैन नहीं आता। ऐसा ही कुछ 19 सितंबर 2010 को सगीरा के दिमाग में चल रहा था और उसने अपनी जिद को पुरा करने की ठान ली। वह सुबह मोहल्ले में रहने वाली अपनी बहन शबाना के घर पहुंची। उसने शबाना और उसके पति शानू को अपने दिल की बात बताई कि वह शेहराज की गांधी नगर स्थित सवा दो एकड़ जमीन बेचना चाहती है, लेकिन उसके रास्ते में शेहराज पहाड़ की तरह खड़ा हुआ है। इस पर शबाना व शानू ने सगीरा को सलाह दी कि यदि शेहराज रास्ते से हट जाए, तो वह उस जमीन की मालकिन बन जाएगी और उसे आसानी से बेच सकती है। यह सुनकर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उसने आनन-फानन में पति की हत्या करने का फैसला ले लिया। इसके बाद सगीरा ने शानू से कहा कि यदि वह शेहराज का कत्ल कर देगा, तो वह उसे दो लाख रुपए देगी। हालांकि, शानू ने उसे बताया कि यह काम वह अकेला नहीं कर पाएगा। इसके लिए उसे दो आदमी की जरूरत पड़ेगी। इधर, सगीरा की आंखों में केवल जमीन बेचने का सपना झूल रहा था, तो उसने शानू से तत्काल कहा कि वह दो लोगों को भी पैसे देने को तैयार है, लेकिन शेहराज की हत्या होने के बाद। इसके बाद शानू ने शेहराज की हत्या की साजिश रची।
ऐसे की हत्या:साजिश के तहत शानू ने रविवार रात आठ बजे शेहराज को फोन कर करोंद चौराहा स्थित शराब की दुकान पर बुलाया था। वहां पहले से छोला रोड निवासी उसके साथी इमरान व तौसीफ भी मौजूद थे। इस दौरान शानू ने कहा कि उसे करोंद कृषि उपज मंडी परिसर में एक व्यक्ति से उधारी के तीन हजार रुपए लेना है। इस पर चारों करीब साढ़े 10 बजे करोंद मंडी में पहुंच गए। वहां शानू आने-जाने वाले लोगों की निगारानी करने लगा और इमरान ने शेहराज के दोनों हाथ पकड़ लिए। इसके बाद तौसीफ ने चाकू निकालकर उसका गला रेत दिया। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों वहां से भाग निकले। सोमवार सुबह एक राहगीर ने मंडी परिसर में शेहराज की लाश पड़ी होने की सूचना निशातपुरा पुलिस को दी।
ऐसे पकड़ाए आरोपी: घटना स्थल पर पहुंचे मृतक के परिजन ने पुलिस को बताया कि जमीन बेचने की बात को लेकर उनके बेटे शेहराज से बहू सगीरा आए दिन झगड़ा करती थी। झगड़े के दौरान सगीरा पति को जान से मारने की धमकी भी देती थी। इधर, पुलिस ने मृतक के मोबाइल फोन पर रविवार रात आठ बजे शानू का मोबाइल फोन नंबर भी देखा। इस पर पुलिस ने सबसे पहले सगीरा को हिरासत में लिया। प्रारंभिक पूछताछ में वह आनाकानी कर रही थी, लेकिन सख्ती बरतने पर उसने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया। पुलिस ने सगीरा की निशानदेही पर शानू, शबाना, इमरान और तौसीफ को गिरफ्तार कर लिया था।
मृतक के परिजन की निशानदेही पर सगीरा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान उसने शेहराज की हत्या का राज खोल दिया। आरोपी सगीरा, शानू, शबाना, इमरान और तौसीफ जेल की सलाखों के पीछे हैं। व्हीके कुशवाह, निशातपुरा थाना, एएसआई विवेचक
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