Saturday, July 02, 2011

पैसों के लेनदेन में हत्या

"बाप-बड़ा न भईया सबसे बड़ा रुपया। इसी रुपये की पीछे छोला मंदिर थाना स्थित समता नगर निवासी रामदेव शर्मा ने अपने साथी आरिफ उर्फ छोटू खान की कुल्हाडी से नृशंस हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी रामदेव और उसकी पत्नी संध्या को झांसी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।"
मनोज राठौर
छोला मंदिर थाना स्थित समता नगर निवासी रामदेव शर्मा पिता विद्याराज (38) पेशे से ड्राइवर है। वह मूल रुपए मुरैना में रहता है। उसके परिवार में पत्नी संध्या (35) और एक बेटा व बेटी है। उसके पड़ोस में उसका साथी आरिफ उर्फ छोटू रहता था। 16 नबंवर 2010 की रात आरिफ रामदेव के घर पहुंचा और वहां दोनों ने मिलकर जमकर शराब पी। इस दौरान रामदेव साथी से अपने उधारी के पैसें मांगे लगा, तो दोनों के बीच कहासुनी हो गई। बंद कमरे में टीवी की तेज आवाज होने के कारण झगड़े की भनक तक पड़ोसियों को नहीं लगी। पहले आरिफ रामदेव पर हावी हो गया, लेकिन मौका मिलने पर रामदेव ने कमरे में रखी कुल्हाड़ी से आरिफ पर हमला कर दिया। सिर में गंभीर चोट आने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। विवाद में कमरे में रखी टीवी भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। साथी की मौत हो जाने के बाद उसके होश उड़ गए और उसने आनन-फानन में अपनी पत्नी और दोनों बच्चों को छोला मंदिर में रहने वाले साढू राजकुमार के पास भेज दिया। रामदेव की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह आरिफ की लाश कहीं ठिकाने लगा सके। इस कारण उसने दो दिनों तक आरिफ के शव को कमरे में रखा, लेकिन उसे पता था कि वह शराब के नशे में कुछ भी काम कर सकता है। इसके चलते ही उसने दोबारा शराब पी और 17-18 नबंवर की दरमियानी रात लाश कॉलोनी स्थित एक नाले में फेंक दी। इसके बाद वह पत्नी और बच्चों को लेकर झांसी स्थित एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए चला गया।
शादी कार्ड से पकड़ाई दंपति%पुलिस को रामदेव के साढू छोला मंदिर निवासी राजकुमार से एक शादी कार्ड मिला। यह कार्ड रामदेव की पत्नी संध्या के झांसी स्थित मायके पक्ष के एक रिश्तेदार का था, जिसकी शादी 23 नबंवर को थी। इस कार्ड की मदद से एएसआई लालजी त्रिपाठी के नेतृत्व में एक टीम झांसी गई और रामदेव व उसकी पत्नी संध्या को गिरफ्तार कर लिया।
मुरैना भागने की फिराक में थी दंपति-झांसी में एक रात रूकने के बाद शुक्रवार को आरोपी शर्मा दंपति मुरैना भागने की फिराक में थी, लेकिन पुलिस ने उसे शुक्रवार तड़के ही दबोच लिया।ऐसे हुई दोस्ती-आरिफ भी पेशे से ड्राइवर था। इस बजह से उसके और रामदेव के बीच गहरी दोस्त हो गई। जरूरत पड़ने पर वह एक दूसरे की आर्थिक मदद करते थे। वह एक-दूसरे के घर भी आते-जाते थे।
यह है हत्या की वजह-करीब नौ साल पहले आरिफ का जिंसी चौराहे पर एक्सीडेंट हो गया था। आरिफ से दोस्ती होने के कारण रामदेव ने उसके इलाज का पूरा खर्चा उठाया। इसके बाद दोनों के बीच पैसों का लेनदेन शुरू हुआ। घटना वाले दिन में दोनों के बीच पैसों को लेकर कहासुनी हुई थी।

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