Saturday, July 16, 2011

रात होते ही सड़कों पर उतरा हुस्न


आॅटो में लूट (गांधी नगर)
मनोज राठौर
7 जून 2010 की रात गांधी नगर थाना प्रभारी अनुराग पांडे और प्रधान आरक्षक विजेन्द्र निगम इलाके में घूम रहे थे। इस दौरान पांडे की नजर बायपास रोड स्थित बड़वाई जोड़ पर पड़ी, जहां आधा दर्जन युवक-युवतियां शराब पी रहे थे। पुलिस को देख वे भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया और थाने लेकर आ गई। उनकी पहचान काजल, गुड्डी जान, काजल जान, मनोज, फैजान और सौरभ के रूप में हुई। यह गिरोह आॅटो में यात्रियों को बैठाकर उनके साथ लूटपाट करता था। काजल (24), गुड्डी जान (23) और काजल जान (22) किन्नर हैं। उनके गिरोह में आरिफ नगर और जेपी नगर निवासी फैजान, मनोज और सौरभ भी शामिल थे, जिनकी उम्र करीब 18-20 साल के बीच है। सभी युवक आॅटो चलाने के साथ गिरोह के साथ देर रात लोगों को लूटने का काम भी करते थे। किन्नर लड़कियां बनकर राजधानी की सड़कों पर आॅटो में घूमती। इसके बाद वे सूनसान सड़क पर उतर कर लोगों को अपनी मोहजाल में फांसती थी। गत 4 मई की रात न्यूमार्केट स्थित अंबेडकर नगर निवासी सुरेश कुमार (30) डिपो चौराहे से पैदल घर की ओर जा रहे थे। इस बीच उसे आॅटो चालक फैजान ने रोक लिया। आटो में गुड्डी जान बैठी थी, उसने सुरेश को अपने मोहजाल में फंसाया और वहां से उसे आटो में बैठाकर गांधी नगर स्थित अब्बास नगर ले गई। गुड्डी ने रास्ते में उसके साथ अश्लील हरकतें भी की। वहीं अब्बास नगर में पहले से मौजूद मनोज, सौरभ, काजल जान, काजल ने सुरेश से शराब पीने के लिए पैसे मांगे। पैसे नहीं देने पर उसके साथ गिरोह के सदस्यों ने जमकर मारपीट की और उसकी पेंट की जेब से 700 रुपए निकाल लिए। अपने साथ हुई घटना की जानकारी सुरेश ने गांधी नगर पुलिस को दी। इस पर पुलिस ने अज्ञात आधा दर्जन लोगों के खिलाफ अड़ीबाजी और मारपीट का मामला दर्ज किया था। वहीं सुरेश के साथ हुई घटना का खुलासा गिरोह के सदस्यों ने पुलिस रिमांड के दौरान किया। उन्होंने सुरेश से मारपीट और 700 रुपए छीनना कबूला। सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
यहां सक्रिय था गिरोह: रात होते ही गिरोह के सदस्य अयोध्या बायपास, करोंद बायपास, हमीदिया रोड, भारत टॉकीज, लिली टॉकीज, बस स्टैण्ड, भोपाल रेलवे स्टेशन समेत सूनसान सड़कों पर सक्रिय हो जाते थे। किन्नर सड़क किनारे खड़े होकर लोगों को मोहजाल में फंसाकर उन्हें आटो में सूनसान इलाके में ले जाते थे।
नहीं आते सामने पीड़ित: गिरोह ने कई लोगों को अपना निशाना बनाया है, लेकिन इज्जत बचाने के लिए मरता, क्या नहीं करता। इज्जत के डर के कारण पीड़ित लोग पुलिस में शिकायत नहीं करते। वह पैसे देकर अपने रास्ते चले जाते हैं।
आधा दर्जन वारदात कबूली: प्रारंभिक पूछताछ में गिरोह के सदस्य पुलिस को गुमराह कर रहे थे, लेकिन सख्ती बरतने पर उन्होंने सुरेश समेत आधा दर्जन लोगों के साथ लूटपाट करना कबूला। किन्नर लड़कियों के भेष में सड़कों पर उतरते थे। वे सेक्सी कपड़े पहनकर राहगीर को अपनी ओर आकर्षित करते। शिकार फंसने पर गिरोह के सदस्य उसे किसी सूनसान इलाके में ले जाते और वहां पैसे छीनकर उसे भगा दिया जाता था।
अय्याशी में उड़ाते थे पैसे: पुलिस ने बताया कि गिरोह के सभी सदस्य अय्याशी में पैसे उड़ाते थे। वे लोगों को शिकार बनाने के बाद अधिकांश पैसों की शराब पी जाते। वहीं गिरोह के सदस्य दिन में फिल्म देखते थे।

No comments:

Post a Comment