मनोज राठौर
नया गाना लगा और नाच। नहीं नाचेगी तो तूझे और तेरी मां को जान से मार दूंगा। शराब का नशा इतना ज्यादा सिर पर सवार था कि एक कलयुगी चाचा शैतान बन गया। उसे नहीं पता था कि जिसे वह नाचने के लिए कह रहा है, वह उसकी सगी भतीजी है। उसे तो नशे के साथ भतीजी से मुजरा करने की लत पड़ गई। वर्ष 2007 में अशोका गार्डन निवासी हेमा (परिवर्तित नाम) के पति की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। वह अपनी दो बेटियों के सहारे अपनी जिंदगी गुजार रही थी। होली की काली रात हेमा की जिंदगी में भूचाल की तरह आई। उसके छोटे देवर दिनेश कुमार सक्सेना उर्फ डीके ने सभी मानवीय सीमाएं लांघ दी। वह मोहल्ले की नागिन सी पसरी गलियों से होते हुए घर पहुंचा। उसने घर की घंटी बजाई और बजाता चला गया। घंटी की आवाज सुनकर हेमा घबराकर उठी। उसे ऐसा महसूस हुआ कि वह कोई डरावना सपना देख रही थी। दरवाजा खोलने के बाद देवर लड़खड़ाते हुए कमरे में चला गया। वह मन ही मन कुछ गुनगुना रहा था। कमरे में जाते ही उसने बिना धून के नाचने शुरू कर दिया। चाचा की हरकतें देख भतीजी सहमी हुई थी। उसे पता था कि चाचा उससे डांस करने के लिए कहेगा। मगर, उस रात अपना आपा खो चुके दिनेश ने भाभी के सामने ही भतीजा का हाथ पकड़ लिया और उसके साथ झूमकर डांस करने लगा। उसकी मस्ती में अश्लीलता झलक रही थी। यह नजारा देख हेमा ने बेटी को देवर के चंगुल से छुड़ाया। इसके बाद किशोरी और उसकी मां अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चली गई। दिनेश भी शोर मचाते हुए सो गया। देर रात करीब एक बजे उसका नशा तो उतर गया, लेकिन उसके अंदर बैठा शैतान जाग गया। दिनेश के मन में भतीजी का मुजरा देखने की जिज्ञासा थी। रोजाना डांस देखने वाली चाचा आज का दिन कैसे छोड़ता। थोड़ी देर बाद ही वह भतीजी के कमरे में घुस गया। चुपके से बिस्तर पर लेटकर उसने किशोरी के साथ अश्लील हरकत करना शुरू कर दी। उसे दबोचकर और उसका मुंह दबा दिया। इस पर बेवस किशोरी ने शोर मचाया और अपनी मां को आवाज लगाई। बेटी की आवाज सुनकर मां की नींद टूट गई। वह सीधे बेटी के कमरे की ओर भागी। इधर, बेटी के साथ जोर जबरदस्ती कर रहे देवर को पकड़कर हेमा ने कमरे से बाहर निकाल दिया। मगर, दिनेश कहा मानने वाला था। उसने दौबारा भतीजी को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन उसकी सुरक्षा के लिए मां दीवार की तरह खड़ी थी। देवर को यह बात नगाबारा गुजरी। इसके बाद उसने आओ देखा न ताओ और भाभी के बाल पकड़ कर उन्हें फर्श पर गिरा दिया। उसने भाभी के साथ मारपीट शुरू कर दी। घर से मोहल्ले के बाहर जा रही चीखपुकार सुनकर मदद के लिए कुछ लोग आगे आए। छत से लोगों को कमरे की ओर आता देख दिनेश का भूत उतर गया और वह नंगे पांव दूसरे दरवाजे से भाग निकला। लोगों की समझाइश पर हेमा थाने पहुंच गई और देवर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने अगले दिन आरोपी दिनेश को गिरफ्तार कर उसे जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया।
चाचा जी, मेरी परीक्षा है-मासूम को नहीं पता था कि जिस शराबी चाचा के सामने डांस कर रही है। वह उसे एक दिन अपनी हवस का शिकार बनाने का प्रयास करेगा। आए दिन दिनेश शराब पीकर घर पहुंचता था। वह भतीजी से डांस करवाता था। मासूम अपनी मस्ती में डांस करती और बाद में कमरे में चली जाती। घर में इतना सबकुछ चल रहा था, लेकिन हेमा को देवर के इरादे को नहीं समझ पाई। घटना वाले दिन किशोरी ने चाचा को बताया था कि परीक्षा प्रारंभ होने वाली है और मुझे पढ़ाई करनी है। मगर, कलयुगी चाचा कहा सुनने वाला था। उसने सभी मर्यादा पार कर पत्नी और भाभी के सामने ही भतीजी से अश्लील हरकत करना शुरू कर दी थी।
भाभी को जलाने का प्रयास-हेमा ने बेटी को देवर के चंगुलस से छुड़ाया। हालांकि, यह बात देवर को नगाबारा गुजरी और उसने भाभी के साथ मारपीट की। दिनेश ने रसोई घर में रखा केरोसिन भाभी पर उड़ेल दिया। वह मां के सामान भाभी को जिंदा जलाना चाहता था। मां के साथ हो रही मारपीट को देख दोनों बेटियां जोर-जोर से रोने लगी। मासूमों ने चाचा से हाथ जोड़कर कहा कि हमारी मां को मत मारो, उन्हें छोड़ दो। चीखपुकार सुनकर मोहल्ले वाले सहायता के लिए आगे आए। यह देख दिनेश वहां से रफूचक्कर हो गया।
लाखों की सम्पत्ति पर थी नजर-हेमा और उनके पति सरकारी विभाग में अच्छे पद पर पदस्थ थे। मगर, कुदरत को ओर कुछ मंजूर था। वर्ष 2007 में हुए एक सड़क हादसे में हेमा के पति की मौत हो गई। दो बेटियों के सहारे हेमा को पूरी जिंदगी गुजारना था। कुछ दिनों बाद ही हेमा का छोटा देवर दिनेश घर आ गया। उसकी आंखों से झल के आंसू टपक रहे थे। उसने भाभी को दिलाशा देते हुए कहा कि भईया नहीं है तो क्या, मैं हूं। दोनों भतीजी की शादी बड़ी धूम-धूम से करूंगा। झूठे वादे और अपने पन का भाव दिखाकर देवर ने भाभी को अपने झांसे में लिया।अगले दिन बाद ही वह पत्नी और दो बच्चों के साथ भाभी के घर रहने के लिए आ गया। वह टेलर की दुकान से रोजाना शराब पीकर घर लौटता था। शातिर दिमाग वाला दिनेश पूरी योजना के साथ भाभी के घर रहने आया था। हेमा के अशोका गार्डन में दो मकान है, जिनकी वर्तमान कीमत लाखों में है। इन मकानों और भाभी द्वारा बनाई गई लाखों की सम्पत्ति पर दिनेश की नजर थी। वह लाखों का माल हड़पना चाहता था। उसकी मंशा खराब थी। सम्पत्ति के साथ दिनेश की नियत भतीजी को देखकर खराब हो गई।
महिला की शिकायत थी कि देवर दिनेश ने उसकी 16 वर्षीय बेटी के साथ ज्यादती का प्रयास किया। विरोध करने पर उसे पर देवर द्वारा जलने का प्रयास किया गया था। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। लोगों के बयान भी दर्ज किए गए। पूरे मामले की गहनता से तप्तीश करने के बाद आरोपी दिनेश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। फरार आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेजा गया।
एसएन सोलंकी, विवेचना अधिकारी
पति की मौत होने के बाद उसके साथ देवर-देवरानी रहने लगे थे। इन लोगों के बीच मकान को लेकर विवाद की बात सामने आई थी। घटना स्थल का मुआयना कर आरोपी पर मुकदमा कायम किया गया। राजेश जोशी, विवेचना सहायक
Saturday, July 16, 2011
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