पिपलानी में पत्नी-बहन की हत्या के बाद खुदकुशी
मनोज राठौर
पिपलानी स्थित 191, डी-सेक्टर निवासी मनोज कोरी पिता जमुना प्रसाद (30) भेल में आर्टिजन थे। उनकी फरवरी 2010 में नरसिंहपुर निवासी सविता (27) से शादी हुई थी। मूल रूप से गाडरवाड़ा निवासी मनोज का छोटा परिवार था। उसके साथ पत्नी और बुर्जुग माता-पिता रहते थे। वह परिवार के साथ बेहर खुश था। वह रोजाना समय पर ड्यूटि जाता और समय पर ही घर वापस आता था। मगर, शादी के कुछ दिनों बाद उसके स्वभाव में बदलाव आ गया था। उसकी पत्नी से पटरी नहीं बैठ रही थी। पत्नी और पति के बीच आए दिन झगड़ा होने लगा।
गत 10 मई 2011 को उसकी साली सरिता बहन से मिलने के लिए कुछ दिनों के लिए घर आईं थी। जब सरिता ने बहन और जीजा के बीच झगड़ा देखा, तो उसने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उसकी एक नहीं चली। इसके चलते ही वह 14 जुलाई को अपने घर वापस जाना चाहती थी, लेकिन उसे पता नहीं था कि बहन के घर में आखरी दिन उसका काल बन जाएगा। उस दिन सुबह करीब साढ़े पांच बजे घर में सिर्फ मनोज, उसकी साली व पत्नी थी। उसके माता-पिता गाडरवाड़ा स्थित एक रिश्तेदार की शादी में गए थे। इस दौरान अपने जन्म दिन ही मनोज का रोजाना की तरह पत्नी से झगड़ा शुरू हो गया। पड़ोसियों ने पति-पत्नी के विवाद को देखा, लेकिन उन्होंने रोजाना का झगड़ा समझकर अनदेखी कर दी। सभी लोग अपने-अपने घरों में चले गए। हालांकि पति-पत्नी में विवाद इतना बड़ा की, मनोज के सिर पर खून सवार हो गया। उसने पत्नी के साथ मारपीट की और घर के पीछे उसकी पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी। इस दौरान साली सरिता ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो मनोज ने उसके बाल पकड़कर सिर फर्श पर दे मारा। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पत्नी और साली को मौत के घाट उतारने के बाद मनोज बाइक से शाहपुरा बावड़िया कला रेलवे फाटक पहुंचा और ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली।
पत्नी par करता था शक - घर में पत्नी और साली की हत्या करने के बाद मनोज ने एक सुसाइड लिखा और बाइक लेकर बावड़िया कला पहुंचा। वहां उसने सड़क किनारे बाइक खड़ी कर ट्रेन के सामने छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस को उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने लिखा है कि पत्नी के उसके साढू भाई से अवैध संबंध है। वह पत्नी के चरित्र के बारे में अपनी सास को कई बार बता चुका था, लेकिन किसी ने उसकी पत्नी को नहीं समझाया। इससे तस्त्र आकर उसने यह कदम उठाया। इतना ही नहीं उसने सुसाइड नोट में पत्नी और साढू भाई के बीच होने वाली बातचीत के लिए सबूत के तौर पर कुछ मोबाइल नंबर भी लिखे थे।
जन्म दिन का मौका - जिस घर में मनोज के जन्मदिन की खुशियां बनाई जानी थी, वहां घटना वाले सुबह से मातम छा गया। दरअसल, घर में बेटे, बहू सहित तीन की मौत की खबर सुनने के बाद मनोज के माता-पिता तत्काल भोपाल पहुंचे। उन्होंने पीएम के बाद बेटे का शव ले लिया, जबकि बहू और उसकी बहन का शव उसके परिजन अपने साथ नरसिहंपुर ले गए। मनोज ने सुसाइड नोट में इस बात का खुलासा भी किया था कि आज मेरा जन्मदिन है। मैं बेहद दुखी हूं। मेरी पत्नी सरिता का उसके जीजा से अवैध संबंध है। इसके बारे में अपनी सास को भी बताया, लेकिन उन्होंने उसे नहीं समझाया। मैं जिंदगी से त्रस्त हो चुका हूं, इसलिए आज मैं मरने जा रहा हूं। इतना ही नहीं मनोज के जन्मदिन की बात उसके परिजन, दोस्तों सहित आॅफिस के कई लोगों को पता थी, लेकिन पत्नी के चरित्र पर शक के चलते वह सबकुछ भूल गया और घर में खुशियों की जगह मौत का तांडव कर दिया।
खून में लतपथ घर - मनोज के घर की दीवार और इधर-उधर मौजूद खून के निशान यही बयान कर रहे थे कि घटना के समय सविता और सरिता ने अपनी जान बचाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन मनोज के आगे उनकी एक नहीं चली। दरअसल, मनोज ने कमरे में सबसे पहले पत्नी के साथ मारपीट शुरू की। इसके बाद उसने उस पर कैंची से जानलेवा हमला किया। हालांकि, सविता पत्नी के ईरादे को भांप गई थी। सो वह अपनी जान बचाकर घर में इधर-उधर भागने लगी। मगर, मनोज ने कसम खा ली थी कि आज वह पत्नी की जीवन लीला समाप्त कर देगा। इसके चलते ही वह पत्नी को मारते हुए घर के बाहर ले गया और वहां से उसे घर के पीछे स्थित पानी की टंकी के पास ले गया। इस बीच मनोज से जान बचाकर भागते समय सविता के खून के निशान दीवार और घर के फर्श पर आ गए।
आए दिन होता था झगड़ा - शादी के कुछ दिनों तक मनोज और उसकी पत्नी के बीच सबकुछ ठीक चला, लेकिन बाद में वह पत्नी से नफरत करने लगा। कारण था, पत्नी के साढू से अवैध संबंध। उसने पत्नी को बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। वह रात को फोन पर किसी से बातचीत करती थी। यह बात मनोज को कांटे की तरह चुभती थी। सो उसने पूरे पत्नी की शिकायत अपने ससुराल पक्ष से की। मगर, उसे वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उसने पत्नी को खुद ही सुधारने की बात मन में ठान ली। इसके चलते ही उसका रोजाना पत्नी से झगड़ा होता था। यह बात उसके पड़ोसी व मोहल्ले वाले भी जानते थे।
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