मनोज राठौरडॉन को पकड़ पाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि ना-मुमकिन है। ये फिल्मी डायलाग इंटरनेशलन चोर बंटी उर्फ देवेंद्र सिंह पर लागू होता है, लेकिन राजधानी पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद ना-मुमकिन को भी मुमकिन कर दिया। बंटी की पहचान ही उसकी दुश्मन बनी, क्योंकि बिग-बॉस में आने के बाद उसे देशभर की जनता जानने और पहचानने लगी थी। उसने देशभर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया और सालों तक पुलिस के
हाथ नहीं आया। कई बार उसका पुलिस से आमना-सामना भी हुआ, लेकिन शातिर बंटी हर बार पुलिस की आंखों में धूल झोंकने में सफल रहा।13 2012 जनवरी की शाम करीब साढ़े पांच बजे मुखबिर ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि चौकबाजार स्थित नदीम प्रेस रोड पर इंटरनेशनल चोर बंटी चोरी का सामान बेचने की फिराक में घूम रहा है। इस पर पुलिस की एक टीम बनाई गई और उसने मौके पर जाकर घेराबंदी कर उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह गंगा पैलेस होटल में रुका हुआ है। तलाशी के दौरान पुलिस ने उसके पास से एक लाल रंग की फाइल, ड्राइविंग लाइसेंस और चांदी के बर्तन जब्त किए। पुलिस को उसके पास से एक ड्राइविंग लायसेंस भी मिला, जिसमें उसका नाम देवेंद्र लिखा था। हालांकि, उसने पुलिस को गुमराह करते हुए खुद का नाम कैमरून निवासी नेपोलियर जीजस बताया।
नाम और चांदी ने फंसाया: बंटी के परवल में बताए गए नाम और चोरी की चांदी ने उसकी पहचान पक्की कर दी थी। इसके चलते ही वह पुलिस को गुमराह करने के बाववजूद अपने ही जाल में खुद फंस गया।10 जनवरी 2012को बंटी ने दिल्ली के न्यू फे्रंड्स कॉलोनी से एक कार चुराकर पलवल पहुंचा था। वहां वह आगरा चौक स्थित धैर्य भारद्वाज की दुकान पर चोरी की तीन किलो चांदी बेचने पहुंचा था। दुकानदार को उसने अपना नाम नेपोलियर बताया था। शक होने पर दुकानदार ने पुलिस को सूचना दे दी। लेकिन पुलिस के पहुंचने के पहले वह कार लेकर फरार हो गया। पुलिस ने शहर में नाकेबंदी की और उसे रास्ते में रोक भी लिया। हालांकि, उसने नाके पर कार नहीं रोकी, तो पुलिस वालों ने उसकी कार पर डंडे फेंक जिससे उसकी कार के कांच टूट गए। इसके बावजूद रास्ते में उसकी कार का टायर फट गया और वह कार को करीब आधा किलोमीटर तक चलाकर ले गया। इसके बाद उसने पर्वतीया कॉलोनी के पास कार को खड़ा किया और उसमें रखी करीब तीन किलो चांदी लेकर फरार हो गया। इधर, उसका पीछा कर रही पुलिस ने कार को जब्त किया। पुलिस को कार से काली कैप, जैकेट, 70 गाड़ियों की चाबी, नंबर प्लेट, महंगी शराब की बोतलें और सिगरेट बरामद की थी। वहां की पुलिस ने आरोपी पर चोरी का मामला भी दर्ज किया था।
ऐसे बना इंटरनेशन चोर: बंटी का नेटवर्क देशभर में फैला है और उससे हर शहर की पुलिस जानती है। वह मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला है। उसके जापान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में ठिकाने थे। नेपाल में उसके चार्ल्स शोभराज से संपर्क थे। चोरी का माल बेचने के लिए उसने नेपाल, बांग्लादेश आदि देशों में उसने एजेंट बना रखे थे। वह काली कैप व कोट पहनने का शौकीन है। बंटी के भाई बलिंद्र सिंह और पिता के मुताबिक उन्होंने पहले से ही बंटी से अपने सभी रिश्ते तोड़ रखे हैं, इसलिए उससे हमारा कोई संबंध नहीं है। बंटी की एक गर्ल फ्रेंड भी थी। 2007 में दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके जेल जाने के बाद गर्ल फे्रंड ने अन्य युवक से शादी कर ली।
बंटी पर बनी फिल्म: बंटी की कारगुजारियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके ऊपर अभय देओल अभिनीत फिल्म ‘ओए लकी, लकी ओए’ नाम की फिल्म भी बन चुकी है। इसके लिए निर्माता ने काफी रिसर्च की थी और दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, चंडीगढ़, लुधियाना समेत देश के कई शहरों में बंटी का आपराधिक रिकार्ड भी खंगाला था। उधर, रियलिटी शो बिग बॉस सीजन-4 में भी वह भाग ले चुका है। उसे साइनिंग अमाउंटन के तौर पर दो लाख रुपए मिले थे। वह बिग बॉस के घर में करीब सप्ताहभर तक रहा, लेकिन खराब व्यवहार के कारण उसे निकाल दिया गया।
कुत्तों पर की थी स्टडी: बंटी ने कुत्तों पर स्टडी भी की थी। दरअसल, बड़े घरों में चोरी के दौरान इस हाईप्रोफाइल चोर का सामना अक्सर कुत्तों से हो जाता था। इससे बचने के लिए वह साथ में कुतिया का यूरिन रखता था और चोरी से पहले रुमाल में लगाकर कुत्तों के पास फेंक देता था। जैसे ही कुत्ते उस ओर आकर्षित होते थे, वह घर के अंदर दाखिल हो जाता था। इसके अलावा कुत्तों को बहलाने के लिए वह अपने साथ चाकलेट भी रखता था। यह खुलासा उसने 2002 में गिरफ्तारी के दौरान दिल्ली पुलिस की पूछताछ में किया था।
खूब कराई खातिरदारी: बंटी से पूछताछ करने में पुलिस को पसीना आया। वह पूछताछ के दौरान पुलिस से अजीबो-गरीबो बातें करता था। इसके बावजूद पुलिस ने तीन दिनों तक उसकी जमकर आव-भगत की। बंटी को पुलिस ने खाना दिया, तो उसने उसे खाने से मना कर दिया। पुलिस ने उसकी डिमांड पर उसे खाने के लिए दूध-जलेबी, सेब, संतरे और केले लाकर दिए। इतना ही नहीं उसकी फरमाइश पर उसे संतरे का जूस भी दिया गया।
फर्राटेदार अंगे्रजी बोल रहा: बंटी पुलिस से फर्राटेदार अंग्रेजी में बात कर रहा है। उससे उसकी पहचान के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि आई एम नॉट बंटी। उससे पूछा गया कि वह बिग बॉस सीजन-चार में था, तो उसने जबाव दिया कि आई बिग बॉस का भी बॉस हूं।दिल्ली पुलिस ने लगाई मौहर: कोतवाली पुलिस की सूचना पर दिल्ली पुलिस 16 जनवरी को भोपाल पहुंची और उसने फिंगर प्रिंट के आधार पर बंटी की पहचान पर मौहर लगा दी। दिल्ली पुलिस ने उसकी पहचान तो कर ली, लेकिन अभी भी वह खुद को नेपोलियन बता रहा है। वह कभी खुद को अवतार, तो कभी खुद को क्रिसमस टी से पैदा होना बताता है। इसके अलावा वह पुलिस से कह रहा है कि उसका सात दिन पहले जन्म हुआ है और वह थाने में नहीं जापान में है।